हर घर नल जल का वर्तमान देखकर यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक घोषणाएँ और सरकारी दावे एक तरफ लेकिन वास्तविकता बिलकुल दूसरे ढंग से अपनी कहानी कहती है। मिर्ज़ापुर जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी को लेकर कहीं कतार लगानी पड़ रही है तो कहीं पहाड़ों की खाक छाननी पड़ रही है। भीषण गर्मी के बीच महिलाओं को दो-दो, तीन-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाकर चूल्हा-चौका करना पड़ रहा है।
झारखंड में खूंटी संसदीय क्षेत्र के जंगलों-पहाड़ों से घिरे इलाके में दूर-दूर तक आदिवासी परिवार पानी संकट से जूझ रहे हैं। रोजगार का सवाल उन्हें अलग सताता है। कई गांवों से युवा पलायन कर रहे हैं। गर्मी की वजह से पहाड़ी नदियां सूख रही हैं। लोकतत्र के इस महापर्व में इन इलाकों में चुनावी शोर कम है और जिंदगी की जद्दोजहद ज्यादा। पड़ताल करती एक ग्राउंड रिपोर्ट..
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अक्सर दावे करती रहती है कि प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त हो चुकी हैं लेकिन सरकार के दावे की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। मिर्जापुर जिले के लालगंज तहसील और राजगढ़ के अहरौरा गांव की सड़कें आज पैदल चलने लायक भी नहीं हैं।