Thursday, September 12, 2024
Thursday, September 12, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsKanwal bharti

TAG

kanwal bharti

विमल, कंवल और उर्मिलेश (पांचवां और अंतिम भाग)  डायरी (21 अगस्त, 2021)  

किसी भी संज्ञा के आकलन के लिए कुछ पारामीटर आवश्यक हैं और आकलन जरूरी होते हैं क्योंकि आकलन नहीं करने का मतलब यह होता...

पत्रकारिता, संसद, न्यायपालिका और बेपरवाह हुक्मरान (डायरी, 16 अगस्त, 2021)  

प्रधानमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति बेहद महत्वपूर्ण होता है। उसे अपना अपना महत्व बनाए रखना चाहिए। इसके लिए उसका उदार होना, सौम्य होना...

 विमल, कंवल और उर्मिलेश (तीसरा भाग) डायरी (12 अगस्त, 2021) 

संस्कृतियां आसमानी नहीं होतीं। संस्कृतियों का निर्माण किया जाता है। और फिर ऐसा भी नहीं कि संस्कृति का निर्माण कोई एक दिन में हो...

विमल, कंवल और उर्मिलेश डायरी (11 अगस्त, 2021) (दूसरा भाग)

कल का दिन एक खास वजह से महत्वपूर्ण रहा। लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान...

 विमल, कंवल और उर्मिलेश (पहला भाग) डायरी (10 अगस्त, 2021) 

साहित्य और समाज के बीच अंतर्संबंध रहा है। दोनों को हवा-पानी-मिट्टी सब प्रभावित करते हैं। वैसे भी जिस समाज और जिस साहित्य पर हवा-पानी-मिट्टी...

‘शाश्वत सत्य’ और राज्य डायरी (9 अगस्त, 2021)

भारतीय सामाजिक व्यवस्था का केंद्रीय चरित्र पूंजीवादी है और यह कोई नयी बात नहीं है। चार वर्णों की व्यवस्था इसलिए ही बनायी गयी है।...

कविता में मोचीराम की प्रशंसा कवि धूमिल की ब्राह्मणवादी चाल है?

पहला भाग  पेट की भूख इस बात की परवाह नहीं करती कि कौन छोटा है और कौन बड़ा है। जहाँ से भी व्यक्ति का पेट...

प्रेमचंद की तरह ओमप्रकाश वाल्मीकि भी अंत में चमार-विरोधी हो गए थे

ओमप्रकाश वाल्मीकि की ‘शवयात्रा’ कहानी की आलोचना ‘शवयात्रा’ ओमप्रकाश वाल्मीकि की विवादास्पद कहानी है। अधिकांश दलित आलोचक इस कहानी को प्रेमचन्द की ‘कफन’ कहानी की...

ताज़ा ख़बरें