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mannu bhandari
हिंदी साहित्य में स्त्री आत्मकथा लेखन
भारतीय संस्कृति में मानव निर्माण के साथ दो जातियों का निर्माण हुआ। स्त्री एवं पुरुष। पूर्व में स्त्री पुरुष के समान अधिकार युक्त थी।...
सेचुरेशन पॉयन्ट पर पहुंचने के बाद औरत के संबंध महज एक औपचारिकता भर रह जाते हैं – 3
मन्नू जी ने सचमुच आत्मकथा लिखी ही कहां! लिखना संभव ही नहीं था। मन्नू जी के साथ दिक्कत यह है कि उन्होंने अपनी त्रासदी...
एकांत और अकेलेपन के बीच – मन्नू भंडारी – कुछ स्मृतियों के नोट्स
पहला हिस्सा
4 सितम्बर 2008 - क्षमा पर्व
मन्नू जी का फोन - सुन सुधा, एक बात तुझसे कहना चाहती हूं।
यह तो वे रोज ही कहती...
नहीं रहीं कथाकार मन्नू भण्डारी
हिन्दी की शीर्षस्थ कथाकारों में शुमार मन्नू भण्डारी ने आज नब्बे वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा। उन्हें कुछ दिन पहले...
पीढ़ियों का अन्तराल जहाँ बाहरी बदलाव करता है वहीँ सोच और परिभाषाएँ भी बदल जाती हैं (चौथा और अंतिम भाग)
चौथा और अंतिम भाग
एम.ए. करते ही मुझे कलकत्ता में ही नौकरी मिल गई तो अब साल में कुल दो बार छुट्टियों के दौरान...
माँ की बनाई ज़मीन पर खड़े होकर पिता यह सब कर सके…(भाग -तीन)
भाग तीन
पिताजी के इन्दौर से अजमेर आने का जो कारण जाना तो मैं हैरान रह गई। जो व्यक्ति डेबिट-क्रेडिट तक का मतलब तक...
अविश्वसनीय थी मां की यातना और सहनशीलता (भाग – दो )
भाग - दो
हमें तो इस घटना के बारे में मालूम पड़ा गेंदी बाई से। छुट्टियों में हम जब कभी भानपुरा जाते तो मैं गेंदी...