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मोदी जी को ग़ुस्सा क्यों आता है?
मोदी जी जो कुछ भी करते हैं या बहुत बार नहीं भी करते हैं, विरोधी षडयंत्रपूर्वक उनके खिलाफ दुष्प्रचार का मौका निकाल ही लेते...
सभी को सस्ती, बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा निकटतम दूरी पर उपलब्ध हो
स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने के पक्ष मे हस्ताक्षर कराये गए
केंद्र एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य आयोग का गठन हो
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन
वाराणसी...
नौजवानों को इन कारणों से अग्निवीर बनाना चाहती है सरकार? (डायरी 20 जून, 2022)
बचपन अलहदा था। रोज कहानियां सुनने को मिलती थीं। मां कहानियों को ‘खिस्सा’ कहती थी। यह ‘किस्सा’ का अपभ्रंश जैसा भले लगता हो, लेकिन...
मुख्तसर और मुक्तसर (डायरी 17 अप्रैल, 2022)
बचपन में कई तरह की आदतें थीं। एक थी, चप्पल नहीं पहनने की। नंगे पैर घूमता रहता था। स्कूल के जूते से बड़ी चिढ़...
चारा ‘घोटाले’ के घोटाले का एक पेंच (डायरी 16 फरवरी, 2022)
कल फिर चारा घोटाला से संबंधित पांचवे मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इसकी अपेक्षा पहले से की जा रही...
बातें कहानियों की, खिस्से भारत के मोदी की (डायरी 29 अक्टूबर, 2021)
बचपन में मां सुनाया करती थी कहानियां। तब मां उन्हें कहानियां नहीं कहती थी, खिस्सा कहती थी। कहानियों से पहले जरूर यही शब्द रहा होगा। कहानी शब्द तो मेरे हिसाब से खड़ी हिंदी के अस्तित्व में अने के बाद ही आया है। कहना शब्द से कहानी को गढ़ दिया गया।
वे बोले तो बहुत किंतु, कहा कुछ नहीं
यह पहली बार हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन को किसी गंभीर चर्चा के योग्य नहीं समझा गया। यहाँ तक...

