Facebook
Instagram
Twitter
Youtube
होम
ग्राउंड रिपोर्ट
पूर्वांचल
मेरा गाँव
संस्कृति
लोकल हीरो
ग्रामकथा
विविध
सामाजिक न्याय
शिक्षा
अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य
विचार
राष्ट्रीय
राजनीति
सिनेमा
वीडियो
आर्काइव
2016
Oct-Nov
2017
Jan-Feb
March-April
May-June
Sept-Oct
Nov-Dec
2018
July- Aug
Sept- Oct
Nov- Dec
2019
Jan-Feb
Search
Sunday, April 20, 2025
Twitter
Facebook
Instagram
Youtube
About Us
हमारे साथ काम करें
Donate Now
Facebook
Twitter
Instagram
Youtube
Sunday, April 20, 2025
About Us
हमारे साथ काम करें
Donate Now
Basic Horizontal Scrolling
पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
होम
ग्राउंड रिपोर्ट
पूर्वांचल
मेरा गाँव
संस्कृति
लोकल हीरो
ग्रामकथा
विविध
सामाजिक न्याय
शिक्षा
अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य
विचार
राष्ट्रीय
राजनीति
सिनेमा
वीडियो
आर्काइव
2016
Oct-Nov
2017
Jan-Feb
March-April
May-June
Sept-Oct
Nov-Dec
2018
July- Aug
Sept- Oct
Nov- Dec
2019
Jan-Feb
Search
होम
Tags
Rajendra yadav
TAG
rajendra yadav
संस्कृति
सेचुरेशन पॉयन्ट पर पहुंचने के बाद औरत के संबंध महज एक औपचारिकता भर रह जाते हैं – 3
गाँव के लोग
-
November 18, 2021
मन्नू जी ने सचमुच आत्मकथा लिखी ही कहां! लिखना संभव ही नहीं था। मन्नू जी के साथ दिक्कत यह है कि उन्होंने अपनी त्रासदी...
संस्कृति
नहीं रहीं कथाकार मन्नू भण्डारी
गाँव के लोग
-
November 15, 2021
हिन्दी की शीर्षस्थ कथाकारों में शुमार मन्नू भण्डारी ने आज नब्बे वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा। उन्हें कुछ दिन पहले...
संस्कृति
पीढ़ियों का अन्तराल जहाँ बाहरी बदलाव करता है वहीँ सोच और परिभाषाएँ भी बदल जाती हैं (चौथा और अंतिम भाग)
गाँव के लोग
-
November 15, 2021
चौथा और अंतिम भाग एम.ए. करते ही मुझे कलकत्ता में ही नौकरी मिल गई तो अब साल में कुल दो बार छुट्टियों के दौरान...
संस्कृति
मैं कभी किसी कहानी आंदोलन का हिस्सा नहीं रही
गाँव के लोग
-
October 11, 2021
बातचीत का पहला हिस्सा आप अपने बचपन के बारे में कुछ बताएं! पुराने घर की कुछ स्मृतियां? कलकत्ता में बीते बचपन की पुरानी स्मृतियों में एक...
संस्कृति
भेड़ियों की गाथाओं के बीच हिरणों की आत्मकथा की तरह
गाँव के लोग
-
October 10, 2021
उर्मिलेश की पुस्तक गाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल उनकी स्मृति में दर्ज सुंदर-असुंदर घटनाओं और प्रसंगों का संग्रह है। इस पुस्तक में बारह संस्मरण हैं...
संस्कृति
कोई बिगड़े तो ऐसे, बिगाड़े तो ऐसे! (राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण)
गाँव के लोग
-
August 28, 2021
(राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण) कोई बिगाड़ने वाला हो तो साहित्यकार राजेंद्र यादव एवं उनकी हंस जैसा, और बिगाड़े तो ऐसे जैसे राजेन्द्र दा...
संस्कृति
राजेंद्र यादव को मैं इसलिए भंते कहता हूँ कि उन्होंने साहित्य में दलितों और स्त्रियों के लिए जगह बनाई
गाँव के लोग
-
August 28, 2021
राजेंद्र यादव के बारे में मैं जब भी सोचता हूँ, प्रसिद्ध शायर शहरयार की ये पंक्तियाँ मेरे जेहन में उभरने लगती हैं - उम्र भर...
बहुजन
आपकी स्वतन्त्रता ही हमारी गुलामी है – राजेंद्र यादव
गाँव के लोग
-
August 28, 2021
(राजेंद्र यादव को दिवंगत हुये आठ वर्ष हो गए। बेशक इन आठ वर्षों में सुसंबद्ध और निर्भीक ढंग से भारत की संघर्षशील जनता की...
संस्कृति
राजेंद्र यादव और मैंने 1857 की अवधारणा पर सवाल उठाया
गाँव के लोग
-
July 10, 2021
मैंने समाजवादी पार्टी की आलोचना की तो कुछ यादवों को मेरे यादव जाति में पैदा होने पर ही शक हो गया (बातचीत का चौथा और...
ताज़ा ख़बरें
वाराणसी : केदार यादव के लोरिकी गायन ने श्रोताओं का मन मोहा
April 18, 2025
अल्पसंख्यकों के हित में नहीं है नया वक्फ कानून
April 17, 2025
वाराणसी में 76 वर्षों में पहली बार डीएनटी समुदाय ने मनाई अंबेडकर जयंती
April 15, 2025
अंबेडकर जयंती पर महिलाओं के समता, समानता और सुरक्षा के लिए उपवास कार्यक्रम
April 15, 2025
आंबेडकर जयंती के दिन मंडेला के लोगों से प्रेरणा लें : भारत के वंचित समुदाय
April 14, 2025