अतीत में बंगाल एक मजबूत सामाजिक चेतना के लिए जाना जाता था, जहां आम लोग सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए हस्तक्षेप करते थे। हालांकि आज भी यह चेतना बनी हुई है, लेकिन लोग ऐसे गुंडों को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण के कारण हस्तक्षेप करने से डरने लगे हैं। आज बंगाल में ऐसे आवश्यक सामाजिक हस्तक्षेपों को समर्थन मिलने के बजाय उनके खिलाफ हिंसा होने की आशंका अधिक होती है।
बीते 11 मार्च को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। प. बंगाल, तमिलनाडु और केरल की राज्य सरकारों ने CAA को लागू किए जाने का विरोध किया है।
आए दिन काम करने वाली जगहों पर सुरक्षा के अभाव में मजदूरों के घायल होने और मरने की खबरें पढ़ने को मिलती है। आज दक्षिण कोलकाता के मेटियाब्रुज इलाके में पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह जाने से दो लोगों की मौत हो गई।
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। पार्टी ने सात सांसदों का टिकट काटते हुए कुछ नए चेहरों को मैदान में उतारा है।
युवा दलित साहित्यकार मंच द्वारा 02 जनवरी, 2022 को पुनर्मिलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध लेखक डॉ.जयप्रकाश कर्दम,...