पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राज्य में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू नहीं होने देंगी।
मुख्यमंत्री ने कोलकाता में ईद-उल-फितर के अवसर पर यहां एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, यह खुशियों की ईद है, यह ताकत देने की ईद है, एक महीना रोजा रखने के बाद यह ईद मनाई जाती है, यह बहुत बड़ी बात है, हम देश के लिए खून बहाने के लिए तैयार हैं लेकिन अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। समान नागरिक संहिता स्वीकार्य नहीं है, मैं सभी धर्मों में सद्भाव चाहती हूँ। ‘ उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग चुनाव के दौरान ‘दंगा कराने’ की कोशिश करेंगे। साथ ही उन्होंने लोगों से ‘साजिश का शिकार नहीं होने’ का आग्रह किया।
बनर्जी ने ‘रेड रोड’ पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम संशोधित नागरिकता अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और समान नागरिक संहिता को स्वीकार नहीं करेंगे। अगर हम एकजुट होकर रहेंगे तो कोई हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकता।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है।
बीते 11 मार्च को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। प. बंगाल, तमिलनाडु और केरल की राज्य सरकारों ने CAA का विरोध किया है।
तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘हम विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के संबंध में बाद में निर्णय लेंगे। लेकिन बंगाल में इस बात का ख्याल रखिएगा कि एक भी वोट किसी दूसरी पार्टी को नहीं जाए।’
उन्होंने ‘विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल’ करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की।
ममता बनर्जी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे।