कोलकाता (भाषा)। मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 9 नवजात और 2 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है। एक ही दिन में इतने बच्चों की मौत से राज्य में हड़कंप मच गया है। प्रशासन के मुताबिक, मौत के कारणों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है। हालांकि, राज्य में मेडिकल कॉलेज में करीब दस साल बाद ऐसी घटना दोबारा हुई है, जिसमें एक दिन में इतने बच्चों की मौत हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, 10 बच्चों में से तीन का जन्म अस्पताल में ही हुआ था और सात को इलाज के लिए बाहर से वहां लाया गया था। इन शिशुओं में से दो जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित थे, एक को न्यूरोलॉजिकल समस्या थी, दो सेप्टीसीमिया से पीड़ित थे, तीन का जन्म के समय वजन कम था और एक को जन्म के समय कम वजन के साथ-साथ अन्य समस्याएं थीं।
इस घटना पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का दावा है कि एसएनसीयू वार्ड की क्षमता 54 बच्चों की है, लेकिन करीब 100 नवजात शिशुओं को भर्ती किया जाता है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। ज्यादातर बच्चे बेहद खराब हालत में रेफर किए गए थे, इसलिए उनकी मौत हो गई।
कोलकाता से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित सरकारी अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि एक बच्चा 26 महीने का था और जन्मजात बीमारियों से पीड़ित था।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, जंगीपुर उप-जिला अस्पताल के शिशु विभाग का नवीनीकरण कार्य पिछले छह सप्ताह से चल रहा है, इसलिए जंगीपुर अनुमंडल के सभी बच्चों को बहरामपुर भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि डोमकोल और लालबाग सब डिवीजनल अस्पताल से भर्ती किये गए बच्चों को बचाना संभव नहीं है। इनमें से एक बच्चे की मौत अस्थमा की वजह हुई है। इसके अलावा एक की मौत जन्म में गड़बड़ी के कारण हुई।
अस्पताल के अधिकारियों ने यह भी बताया कि कि डोमकल, लालबाग उप-विभागीय अस्पताल में नवजात शिशुओं को बड़े पैमाने पर बहरामपुर रेफर किया जा रहा है। इन अस्पतालों में जब केस बिगड़ जाता है तो नवजात शिशुओं को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया जाता है।