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उत्तर प्रदेश : खतरनाक होता जा रहा छुट्टा पशुओं का आतंक

उत्तर प्रदेश के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के छबीलेपुर गांव में बुधवार को खेत में सिंचाई कर रहे किसान को एक सांड़ ने पीछे से हमलाकर मार दिया, जिससे उनके हाथ-पैर की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। परिजन आनन-फानन में उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले गए, जहां नाजुक हालत देखते हुए चिकित्सक ने वाराणसी के […]

उत्तर प्रदेश के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के छबीलेपुर गांव में बुधवार को खेत में सिंचाई कर रहे किसान को एक सांड़ ने पीछे से हमलाकर मार दिया, जिससे उनके हाथ-पैर की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। परिजन आनन-फानन में उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले गए, जहां नाजुक हालत देखते हुए चिकित्सक ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया था। उपचार के दौरान निजी अस्पताल में गुरुवार को घायल किसान ने दम तोड़ दिया।

भाषा की खबर के हवाले से गत 17 नवम्बर को छबीलेपुर गांव निवासी नरोत्तम प्रजापति 60 वर्ष खेत की सिंचाई कर रहे थे। इसी दौरान खेत में चर रहे सांड़ को उन्होंने भगाने की कोशिश की लेकिन सांड़ नेउन पर दौड़कर हमला कर दिया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके शरीर में कई जगह गंभीर चोटें लगीं। परिवार के लोग उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया और उपचार के दौरान एक निजी चिकित्सालय में घायल नरोत्तम प्रजापति ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया।

 उक्त सांड़ गांव ने और कई लोगों पर हमला बोला लेकिन लोगों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। छबीलेपुर गांव में सांड़ का आतंक फैला हुआ है। समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष दिलीप प्रजापति ने बताया कि इसके पहले भी कई लोगों पर वह हमले कर चुका है। सांड़ के द्वारा लगातार हमले से गांव वाले दहशत में है। उन्होंने मांग की कि सांड़ को प्रशासन कब्जे में लेकर पशुशाला पहुंचाएं।

महराजगंज थाना क्षेत्र के चरियाही गांव में बृहस्पतिवार याने 7 दिसंबर की सुबह शौच करने गई वृद्ध महिला मरजादी देवी (72) पत्नी राम किशोर यादव को सांड़ ने अपनी सींग धंसाकर मार डाला। घटना बृहस्पतिवार की सुबह हो रही बूंदाबांदी के दौरान की है। वह भोर में साढ़े चार बजे घर के पीछे खेत में शौच करने लाठी के सहारे गई थी। शौच कर ही रही थी, उसी समय सांड़ ने वृद्ध महिला पर हमला कर दिया। सांड़ के हमले से वृद्ध महिला के पेट व कनपटी पर सींग के कई घाव हो गए, जिसके कारण वही मौके पर ही मौत हो गई। दर्दनाक मौत से घर में कोहराम मच गया। मृतक महिला के पुत्र नंदलाल यादव ने बताया कि काले रंग के सांड ने अब तक कई लोगों पर प्राण घातक हमला कर चुका है।

बदायूं में बीते 6 दिसंबर को सामने आया। जहां एक हमलावर सांड से बचाने के लिए किसान तालाब में कूद गया। लेकिन गहरे और ठंडे पानी होने के कारण डूबने से उसकी मौत हो गयी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गुरुवार को इस बारे में पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह घटना दातागंज थाना क्षेत्र के एक गाँव की है। उपजिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार रात सलेमपुर गाँव में छुट्टा पशुओं से अपनी फसल की रखवाली करने के लिए खेत जा रहे 55 साल के किसान शिवदयाल पर सांड ने हमला कर दिया। जिससे बचाने के लिए उन्होंने पास के तालाब में छलांग लगा दी लेकिन गहरे और ठंडे पानी में डूबने के कारण उनकी मौत हो गयी

उत्तर प्रदेश में ही एक ऐसा ही मामला बहराइच के घटना बौंडी थाना क्षेत्र के हेमनापुर मजरा गांव की है, जहां बीते नवंबर महीने के तीसरे सप्ताह में सामने आया जब एक सांड ने उदयराज नामक किसान पर हमला कर उसे जमीन पर पटक-पटक कर मार डाला। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। शव को कब्जे में  लेकर पोस्टमार्टम के बाद  मामले की जांच शुरू की गई लेकिन आज त क जांच की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई।  सांड के इस आतंक से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।

बलिया जिले में बीते नवंबर महीने के दूसरे सप्ताह के अंत में एक सांड के हमले के बाद 87 वर्षीय राज कुमार नमक व्यक्ति की मौत हो गयी। सिकंदरपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ दिनेश पाठक ने बताया कि बस्ती बुज़ुर्ग गांव के रहने वाले राज कुमार गुप्ता दिवाली के मौके पर दीया जला रहे थे, तभी उन पर सांड  ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि घटना की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के वैदपुरा इलाके में आवारा सांड के हमले में घायल एक किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई एसपी संजय कुमार ने गुरुवार को बताया कि 10 नवंबर को किसान हरजीत सिंह 40 वर्ष अपने खेत में फसल की रखवाली कर रहे थे कि इसी दौरान एक आवारा सांड फसल को नुकसान पहुंचाने लगा। किसान ने सांड को भगाने की कोशिश की मगर सांड हमलावर हो गया। इस हादसे में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया किसान को नाजुक हालत में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में उपचार के लिए भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों के काफी कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

उत्तर प्रदेश में जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से छुट्टा पशुओं की संख्या में दिन-ब-दिन वृद्धि ही होती जा रही है। खेतों में घुसकर  फसलों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसे में जब कोई व्यक्ति अपने खेत से इन्हें भगाने का प्रयास करता है तो वह इनके हमले का शिकार होता है। कुछ ऐसा ही हाल शहरों में भी है। ये आवारा पशु सड़क पर  ट्रैफिक को जाम करते हुए दिख जाते हैं। कड़े प्रतिबंधों के चलते इनकी बढ़ती संख्या लोगों के लिए चिंता का विषय है। हालांकि सरकार की तरफ से गौशालाओं की व्यवस्था की गयी है लेकिन इन गौशालाओं  का हाल- बेहाल है। आए दिन लोगों पर आवारा पशुओं के जानलेवा हमले हो रहे है, लेकिन सरकार इस मामले पर गंभीर नहीं दिख रही है। विपक्ष के नेता अखिलेश यादव आवारा पशुओं से होने वाली घटनाओं को लेकर लगातार सरकार को घेरते रहे हैं।

बावजूद इसके सरकार आवारा पशुओं के आतंक और उनसे होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में अब तक अक्षम साबित दिख रही है। आवारा पशु न सिर्फ किसानों पर हमले कर जानलेवा साबित हो रहे हैं बल्कि किसानों के खून और मेहनत की कमाई से पैदा की गई जा रही फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार यूं ही अपनी आँखों के सामने आम आदमी की मौत का तांडव देखती रहेगी या इन आवारा पशुओं के हमले से छुटकारा भी दिलाएगी।

गाँव के लोग
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