सागर, मध्यप्रदेश। जिले के खुरई क्षेत्र में बीते दिनों एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है और एक बार फिर मध्यप्रदेश दलित उत्पीड़न की घटना को लेकर सुर्खियों में हैं। यह घटना खुरई के बरोदिया नोनागिर गाँव की है। जहां एक दलित युवक को दबंगों ने पीट-पीट कर मार डाला और बेटे के बचाव में गुहार लगा रही माँ को भी सरे आम निर्वस्त्र किया गया और पीटा गया। इस घटना में बीजेपी नेता और गाँव के सरपंच के पति सहित कुछ अन्य लोग आरोपी हैं। घटना के वायरल हो जाने की वजह से सक्रिय हुई पुलिस ने अब तक 8 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है।
मृतक की बहन अंजना अहिरवार बताती हैं कि, ‘मेरा छोटा भाई था नितिन अहिरवार, उसकी ही हत्या हुई है। 2019 में मेरे साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके खिलाफ हमने केस किया था। तब आरोपी राजीनामा का बोल रहे थे, हमने राजीनामा नहीं किया। ऐसे में आरोपियों ने मेरे भाई की हत्या कर दी। अंजना आगे कहती हैं कि, ‘‘हमसे कहा गया कि, तुम चमार होके ठाकुरों के खिलाफ जा रहे हो, राजीनामा नहीं कर रहे हो, इसलिए भाई की हत्या कर दी। जिनने हत्या की है वह 12-13 लोग थे, उनमें 6-7 लोग मुख्य थे। दरिंदों ने मेरी मां तक को नहीं छोड़ा, उन्हें भी बेपरदा करके पीटा।
इस घटना को लेकर भीम आर्मी भी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई है। घटना स्थल पर मौजूद भीम आर्मी सागर जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र अहिरवार का कहना है कि, ‘पीड़ित परिवार को आठ दिन के भीतर न्याय नहीं मिला, तब भीम आर्मी सहित मध्य प्रदेश का समूचा अहिरवार समाज और उग्र आंदोलन करेगा।’
घटना स्थल पर मौजूद प्रशांत अहिरवार बताते हैं कि, इस घटना में गाँव के ही दबंग शामिल थे, जिनमें मुख्य रूप से 7-8 लोग थे। बरोदिया नैनागिर गाँव में इन दबंगों का इतना दबदबा है कि, पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने की किसी में हिम्मत नहीं है। दूसरी एक वजह यह भी है कि आरोपियों का ताल्लुक सत्तारूढ़ पार्टी से है, ऐसे में उनके खिलाफ कोई मुंह नहीं खोलना चाहता। प्रशांत आगे कहते हैं कि, ‘दबंग लोगों ने पीड़ितों के घर की छत तोड़ने से लेकर घर के सामान को भी तहस-नहस कर दिया। दबंगों की बर्बरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पीड़ितों के पशु, घोड़े को भी बहुत मारा और तोते को तो जान से ही मार दिया।’
मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने और राजनीतिक रूप से चर्चा में आने के बाद कलेक्टर ने, जब इस मामले का संज्ञान लिया तब पीड़ित पक्ष ने, अपनी मांगें रखते हुए कहा कि, ‘हमें न्याय चाहिए, जैसे दबंगों ने हमारा मकान तोड़ा है वैसे ही दबंगों के मकान तोड़े जाएं। हमें आवास सुविधा के साथ आर्थिक सहायता दी जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।’
अहिरवार समाज के सागर जिला अध्यक्ष नरेंद्र अहिरवार इस घटना को लेकर कहते हैं कि, ‘यह बहुत ही निंदनीय घटना है। मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी समाज के साथ लगातार इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं। इस घटना में दबंगों की बजाय मृतक को ही अपराधी स्वभाव का बताया जा रहा है। भारतीय संविधान में जो कानून है, उसके अंतर्गत किसी को भी किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं दिया गया। न्याय के लिए कोर्ट है, अदालत है।
नरेंद्र आगे कहते हैं कि, ‘इस घटना के आरोपियों के लिए मैं फांसी की मांग करता हूँ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हमने ऐसे वीडियो देखे हैं जिनमें वे कहते हैं कि, अपराधियों को जड़ से उखाड़ कर फेक देंगे, जमीन में गाड़ देंगे। …तब इस मामले में दबंगों को क्यों बचाया जा रहा है। क्या वे मंत्री प्रतिनिधि हैं इसलिए बचाया जा रहा है?’
इस घटना के उपरांत समाज के लोगों ने एकजुट होकर पीड़ित परिवार को 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी है। यह भी ज्ञात हुआ कि पीड़ित पक्ष को कुछ मुआवजा प्रशासन की तरफ से भी दिया गया है।
एक तरफ प्रधानमंत्री दलितों के पैर धोकर सम्मानित करते हैं, देश में अमृतकाल का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं देश के दलित समुदाय के साथ लगातार बढ़ रही हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट में दर्शाये गए आँकड़ों के मुताबिक साल 2018, 2019 और 2020 में अनुसूचित जाति, जन-जाति के लोगों के विरुद्ध 16952 मामले दर्ज किए। इस हिसाब से अकेले मध्य प्रदेश में ही दलितों के खिलाफ प्रतिदिन 15 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज़ किए गए। संभव है कि इससे अधिक मामले दर्ज ही न किए गए हों। सरकार की तमाम नारे-बाजी के बावजूद देश में दलित सुरक्षित नहीं हैं। मध्य प्रदेश में दलितों पर होने वाले अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी जहां एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान को घेर रही है, वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान ने इसे सरगर्म कर दिया है। उन्होंने कहा ‘मध्य प्रदेश के सागर ज़िले में एक दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। गुंडों ने उसकी माँ को भी नहीं बख़्शा। सागर में संत रविदास मंदिर बनवाने का ढोंग रचने वाले प्रधानमंत्री जी मध्य प्रदेश में लगातार होते दलित व आदिवासी उत्पीड़न एवं अन्याय पर चूँ तक नहीं करते। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री केवल कैमरे के सामने वंचितों के पैर धो कर अपना गुनाह छुपाने की कोशिश करते हैं। …पर भाजपा ने मध्य प्रदेश को दलित-अत्याचार का प्रयोगशाला बना रखा है। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों का रेट सबसे ज़्यादा है, राष्ट्रीय औसत से भी तीन गुना है। मोदी जी, इस बार मध्य प्रदेश की जनता भाजपा के झाँसे में नहीं आने वाली है, समाज के वंचित व शोषित वर्ग को तड़पाने-तरसाने का जवाब आपको कुछ महीने बाद मिल जाएगा। भाजपा की विदाई निश्चित है।’
अभी सीधी के पेशाब कांड का मामला पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि इस तरह की एक और घटना साफ तौर पर बताती है कि मध्य प्रदेश में अपराधियों को कानून का कोई खौफ नहीं रहा गया है। दलितों, आदिवासियों के खिलाफ सामने आ रहे ज्यादातर मामलों में सत्ता समर्थक द्वारा ही उत्पीड़न की घटनाएँ सामने आ रही हैं। यह घटना देश के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्वाचन क्षेत्र खुरई में हुई है। उन्होंने मंगलवार को बरोदिया नोनागिर गांव में मृतक के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि, ‘मैं मृतक के पिता रघुवीर अहिरवार और भाई विष्णु अहिरवार को आश्वासन देता हूं कि परिवार की बेटी को नौकरी दी जाएगी। मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है। उन्होंने कहा कि पीड़िता की बहन को सागर या खुरई में, जो भी उसके लिए सुविधाजनक हो, वहां नौकरी दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि मृतक के परिवार को जल्द ही 4.12 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री स्वैच्छिक कोष से 10 लाख रुपये की अंतरिम राहत भी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा परिवार की दो घायल महिलाओं को 25,000-25,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी,
फिलहाल दलितों के खिलाफ तब ही कोई कार्यवाही होती है जब मामला पब्लिक डोमेन में वायरल हो जाता है। इस बार भी वही हुआ है। कानून तब तक अपराधियों के बचाव में ही लगा रहता है जब तक की राजनीतिक रूप से विपक्ष उसे कटघरे में नहीं खड़ा करा देता या फिर सोशल मीडिया पर आम आदमी की आवाज चिल्लाहट में नहीं बादल जाती।
hello there and thank you for your info – I have certainly picked up anything new from right here.
I did however expertise several technical points using
this web site, since I experienced to reload the web site many times previous to
I could get it to load correctly. I had been wondering if
your hosting is OK? Not that I’m complaining, but sluggish loading instances times will often affect your placement in google and can damage your high-quality score if ads and marketing with Adwords.
Well I am adding this RSS to my email and could look out for a lot
more of your respective intriguing content. Make sure you update this again soon.
Really when smeone ⅾoesn’t кnoԝ after thаt itѕ up
to other users that thеy wilⅼ help, so here іt occurs.
my weeb page … O que é um trending topic nas redes sociais?