कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मणिपुर में जो कुछ हुआ उसके बाद भी हमारे देश के नेता वहां नहीं गये जो शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि मणिपुर समस्या का एक लक्षण है और ऐसी ही समस्याएं देश के कई अलग-अलग हिस्सों में छोटे रूपों में देखी जा सकती हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय, आदिवासी और दलित समुदाय के लोग असहज महसूस कर रहे हैं।
मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव सात नवंबर को एक ही चरण में होंगे और मतगणना तीन दिसंबर को होगी। कांग्रेस ने चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख लालसावता को आइजोल वेस्ट-III (एसटी) से मैदान में उतारा गया है।
राहुल ने यह भी कहा कि भारत की अवधारणा पर भाजपा द्वारा हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत की अवधारणा एक-दूसरे का सम्मान करने, सहिष्णु बनने, एक दूसरे के विचारों, धर्मों और भाषाओं से सीखने की है। यही भारत की अवधारण है, जिस पर भाजपा हमला कर रही है। वे देश में नफरत और हिंसा फैलाते हैं। वे अहंकार और आपसी समझ के अभाव की प्रवृति को फैलाते हैं, जो भारत की अवधारण के पूरी तरह से खिलाफ है।’
राहुल ने रोजगार सृजन, मादक पदार्थों के खतरे और बुनियादी ढांचे को लेकर सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पर निशाना साधा और उस पर राज्य की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘भाजपा आपकी संस्कृति, धर्म और परंपरा पर हमला करती है, एमएनएफ दिल्ली में उनका समर्थन करती है। पिछले पांच वर्षों में एमएनएफ सरकार केवल दो हजार नौकरियां ही दे पाई। यहां बुनियादी ढांचा और सड़कें जर्जर हैं और वे राज्य के आर्थिक भविष्य को नष्ट कर रहे हैं। भावी पीढ़ी में मादक पदार्थ के सेवन की समस्या बड़े पैमाने पर फैल रही है और इसके कारण 250 युवा जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह शर्म की बात है कि आपकी सरकार चलाने वाले लोग दिल्ली में सरकार के साथ मिले हुए हैं।’
गांधी ने कांग्रेस शासित कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ‘सुशासन’ का उदाहरण देते हुए लोगों से कांग्रेस को वोट देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘खोखली बातें’ नहीं करती, बल्कि उसके पास मिजोरम के लिए एक योजना है।
उन्होंने कहा, ‘हम आपकी संस्कृति, धर्म और परंपरा की रक्षा करेंगे, क्योंकि अगर मिजो संस्कृति, परंपरा और भाषा पर हमला किया गया, नष्ट कर दिया तो यह भारत पर हमला होगा। हमें आपकी विविधता, दुनिया और जीवन को देखने का तरीका तथा नजरिया पसंद है। यह हमारी सबसे बहुमूल्य संपत्ति है।’
आइजोल (भाषा)। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर से ज्यादा इजराइल की घटनाओं से चिंतित हैं। मणिपुर में इस वर्ष मई से ही जातीय संघर्ष के कारण हिंसक घटनाएं हो रही हैं। उक्त बातें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आइजोल में राजभवन के नजदीक आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मणिपुर अब एक संगठित राज्य नहीं रह गया है, बल्कि जातीय आधार पर दो राज्यों में बंट चुका है।
चुनावी राज्य मिजोरम की दो दिनी यात्रा पर पहुंचे राहुल ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस ने 1986 में शांति-समझौते पर हस्ताक्षर करके उग्रवादी हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाली का मार्ग प्रशस्त किया था। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार को इजराइल में जो (इजरायल-हमास संघर्ष) हो रहा है उसमें इतनी ज्यादा दिलचस्पी है, लेकिन मणिपुर में क्या हो रहा है उसकी कतई कोई चिंता नहीं। मणिपुर में लोगों की हत्याएं की गईं, महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया और बच्चों को मार दिया गया।’