‘उड़ान ट्रस्ट’ द्वारा गोसाईपुर मुसहर बस्ती में 10 दिसंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम ने समाज के सबसे उपेक्षित वर्गों के संघर्ष और सशक्तिकरण के लिए एक कार्यक्रम आयोजित कर बस्ती के लोगों को जागरूक किया गया।
मुख्य वक्ता प्रेम नट बेलवॉ के नेतृत्व में, इस कार्यक्रम ने विमुक्त घुमंतु (DNT) समुदाय की 100 महिलाओं को एक मंच प्रदान किया गया, जहां उन्होंने अपने अधिकारों, गरिमा और सामाजिक न्याय की मांग को दुनिया के सामने रखा। यह अपने आप में बड़ी बात है कि विमुक्त घुमंतू समाज की महिलाएं अपने अधिकार को जानने के लिए आगे आईं।
कार्यक्रम में व्यापक सामाजिक समावेश पर चर्चा करते हुए हाशिए के समुदायों के अधिकारों पर गहन बातचीट की गई। विशेषकर सामूहिक सशक्तिकरण के लिए किस तरह स्थिति बनाई जाए ताकि महिलाएं मजबूत हो सकें।
माला, कुसुम, निर्मला और रसीला जैसी महिला नेतृत्वकर्ताओं ने अपने जीवन के संघर्ष और सामाजिक चुनौतियों को साझा किया
यह भी पढ़ें –मनरेगा की अकथकथा : गाँवों में मशीनों से काम और भ्रष्ट स्थानीय तंत्र ने रोज़गार गारंटी का बंटाढार किया
प्रेम नट, बेलवॉ ने DNT समुदाय के मानवाधिकारों पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला।
नट, मुसहर और अन्य विमुक्त समुदायों की महिलाओं ने स्वतंत्रता और समानता के लिए अपनी आवाज बुलंद की।
इस कार्यक्रम में न केवल अधिकारों की बात नहीं हुई बल्कि उन्हें वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक रूपरेखा भी तैयार की गई।
रुपा, प्रीति, सौरभ, अनिल और आँचल जैसे कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को और भी अर्थपूर्ण बनाया, जिससे यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का प्रतीक बन गया।
इस कार्यक्रम में CCFD, ABI, नट समुदाय संघर्ष समिति और SUSS वाराणसी ने सहयोग किया।(प्रेस विज्ञप्ति)