एक देश समान शिक्षा अभियान प्रधानमंत्री को भेजेंगे ज्ञापन
निराला को हटा कर ‘मधुशाला’ पढ़ाने के औचित्य पर खड़ा किया सवाल
वाराणसी। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में व्यापक परिवर्तन की चर्चा के बीच वाराणसी में एक देश समान शिक्षा अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं की आकस्मिक बैठक बुधवार को तुलसीपुर में आयोजित की गयी जिसमें तय किया गया कि इतिहास के तथ्यों और साहित्य में अनावश्यक छेड़छाड़ किये जाने के खिलाफ प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतिहास और साहित्य दोनों विद्यार्थी के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। इसमें अनावश्यक परिवर्तन से युवा दिग्भ्रमित होगा। महाकवि सूर्यकांत निराला को पाठ्यक्रम से हटाकर गुलशन नंदा और मधुशाला पढ़ाने के पीछे तथाकथित शिक्षाविदों का क्या मंतव्य है, यह समझ के परे हैं। इसी प्रकार इतिहास के कुछ काल को हटाने से अपने देश की विरासत और हमारे नायकों के संघर्ष की अनेक गाथाएँ जानने से बच्चे वंचित रह जायें।
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शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाय
बैठक में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत वंचित वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा के चयनित बच्चों को प्रवेश न दिए जाने पर भी रोष व्यक्त किया गया और कहा गया कि बच्चों को मिले कानूनी अधिकार का ठीक ढंग से अनुपालन किया जाना चाहिए। बैठक में विनय कुमार सिंह, वल्लभाचार्य पाण्डेय, डॉ. मोहम्मद आरिफ, महेंद्र राठौर, राजकुमार गुप्ता, डॉ. इंदु पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से उपस्थिति रहे।