नयी दिल्ली (भाषा)। विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों से 140 सदस्यों के निलंबन पर विरोध जताते हुए बृहस्पतिवार को संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकालकर अपना विरोध प्रदर्शित किया। विपक्षी सांसदों के पैदल मार्च की अगुवाई राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया। विपक्षी सांसदों ने एक बड़ा बैनर ले रखा था जिस पर ‘लोकतंत्र बचाओ’ लिखा था।
खरगे ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद से जुड़े विषयों पर सदन के बाहर बोल रहे हैं जो विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘ हमारा प्रदर्शन निलंबन के खिलाफ है। सरकार और मोदी जी यह नहीं चाहते कि सदन चले।’
खरगे ने कहा, ‘हम लोकसभा में, संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना से जुड़ा विषय उठाना चाहते थे कि यह क्यों हुआ, कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? हम चाहते थे कि सरकार सदन को इस बारे में बताए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों सदन में नहीं आए। वे, सदन में जिन बातों को कहना है, उन्हें बाहर बोल रहे हैं।’
उन्होंने बताया कि निलंबन के मुद्दे को लेकर विपक्षी नेता शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों के भीतर 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।
मोदी जी और उनकी सरकार ये नहीं चाहते कि सदन चले।
लोकतंत्र में सवाल करना हमारा अधिकार है। हम सवाल उठा रहे हैं कि संसद की सुरक्षा में जो चूक हुई, उस पर प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी बयान दें।
सदन, इस देश की सबसे बड़ी पंचायत है।अगर आप सदन में नहीं बोलेंगे तो कहाँ बोलेंगे ?… pic.twitter.com/WH9cuV3CT2
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 21, 2023
मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्ता पक्ष के सांसदों पर आरोप लगाते हुये कहा कि, ‘हम लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति से बार-बार अनुरोध कर रहे हैं कि हमें सुरक्षा चूक मामले पर बोलने दिया जाए, सत्तारूढ़ दल के सांसद कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर रहे हैं, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सत्ता के सांसदों को चुप कराने के बजाय विपक्ष के सांसदों को निलंबित कर रहे हैं।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं। फिलहाल संसद में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।