Sunday, July 7, 2024
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बांग्लादेश में कड़ी सुरक्षा के बीच आम चुनाव के लिए मतदान जारी

ढाका (भाषा)। बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है, जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता में लौटना लगभग तय है। स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने के बाद पहले दो घंटे […]

ढाका (भाषा)। बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है, जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता में लौटना लगभग तय है।

स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने के बाद पहले दो घंटे में कई मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा। मतदान शाम चार बजे तक जारी रहेगा। बांग्लादेश निर्वाचन आयुक्त अनिसुर रहमान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि शाम तक मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से कम नहीं रहेगा। देशभर में माहौल शांतिपूर्ण है।’

देश के निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार को हो रहे मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान 300 निर्वाचन क्षेत्रों में से 299 सीट पर हो रहा है। एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा। चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं।

भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे। यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है। मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 7.5 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं।

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निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री हसीना ने मतदान शुरू होने के तुरंत बाद ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं। हसीना (76) वर्ष 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था। उनके इस एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटना तय है।

हसीना ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘देश में मतदान सुचारू रूप से हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि सभी लोग वोट डालने आएंगे और अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। देश में लोकतांत्रिक प्रवाह बनाए रखें और लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए काम करें।’ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी बीएनपी-जमात-ए-इस्लामी गठबंधन लोकतंत्र में यकीन नहीं रखता है। उन्होंने कहा, ‘लोग अपनी इच्छा के अनुसार मतदान करेंगे और हम मतदान का माहौल पैदा कर पाए। हालांकि बीएनपी-जमात गठबंधन ने आगजनी समेत कई घटनाओं को अंजाम दिया।’

हसीना ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा कि भारत, बांग्लादेश का ‘भरोसेमंद मित्र’ है। उन्होंने कहा, ‘हम बहुत सौभाग्यशाली हैं…भारत हमारा भरोसेमंद मित्र है। मुक्ति युद्ध (1971) के दौरान, 1975 के बाद उन्होंने न केवल हमारा समर्थन किया जब हमने अपना पूरा परिवार- पिता, मां, भाई, हर कोई (सैन्य तख्तापलट में) खो दिया था और केवल हम दो (हसीना और उनकी छोटी बहन रिहाना) बचे थे…उन्होंने हमें शरण भी दी। इसलिए हम भारत के लोगों को शुभकामनाएं देते हैं।’

यह पूछने पर कि बीएनपी के बहिष्कार के कारण यह चुनाव कितना स्वीकार्य है, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लोगों के प्रति है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि लोग इस चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं। इसलिए मैं उनकी (विदेशी मीडिया) की स्वीकार्यता की परवाह नहीं करती हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकवादी दल क्या कहता है या क्या नहीं कहता है?’

बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन 2018 के चुनाव में भाग लिया था। प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है। खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं।

जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है। बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने ‘‘चुनावी गुट’’ का घटक सदस्य बताया है। बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा।

बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ‘इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है।’

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चुनाव के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है। मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया। देश में 15 अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। बहिष्कार के साथ ही हिंसा के डर से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से दूर रह सकते हैं।

‘द डेली स्टार’ अखबार ने धानमंडी निवासी मोहम्मद मुनीर हसन के हवाले से कहा, ‘मतदान केंद्रों पर जाने का क्या फायदा है जब चुनाव महज एक ही पार्टी के दो समूहों के बीच है? हम सभी जानते हैं कि अंत में आवामी लीग इस दौड़ को जीत लेगी।’

मुनीर ने हिंसा की आशंका भी जताई। शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई, जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है।

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