प्रयागराज में टीचर ने छात्रा को इतना डांटा कि उसने कर लिया सुसाइड, परिजन लगा रहे थाने के चक्कर
जौनपुर में बुखार से पीड़ित दलित छात्रा को प्रिंसिपल ने नहीं दी छुट्टी, छात्र की मौत के बाद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया आरोप
प्रयागराज। ‘हम कैंट थाने में मैडम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए दौड़ रहे हैं, लेकिन पुलिस कोई कारवाई नहीं कर रही है। आरोपी टीचर के पति रुपये लेकर मुझसे समझौता करने की बात कह रहे हैं।’ यह कहते हुए लवकुश अपनी बेटी पलक के लिए रोने लगते हैं। बीते आठ सितम्बर को राजापुर के सरकुलर रोड पर रहने वाले लवकुश जायसवाल की 17 वर्षीय बेटी पलक ने फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया।
लवकुश कहते हैं कि उनकी बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। उनका सपना था कि बेटी पढ़-लिखकर अफसर बने। मैडम ने स्कूल से निकालने की धमकी दी थी, जिससे वह भयभीत हो गई। वह हम लोगों को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। लवकुश के बगल में बैठी शिखा के आँसू नहीं रूक रहे हैं।
वह कहती हैं कि मेरी बेटी तो बड़ी होकर पुलिस अफसर बनना चाहती थी। पढ़ने में बहुत होशियार थी, लेकिन स्कूल टीचर ने कॉल करके उसे इतना डांटा कि वह डर गई। मेरी सहमी हुई बेटी ने सुसाइड कर लिया। बेटी की सिर्फ इतनी गलती थी कि उसने मैडम की डांस करते वीडियो वॉट्सऐप स्टेटस पर पोस्ट कर दी थी। बेटी ने जो स्टेटस लगाया था, उसमें वह खुद थी और उसकी कई दोस्त भी। नहीं पता था कि एक छोटा-सा वीडियो उसकी मौत का कारण बन जाएगा।
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जानकारी के अनुसार, बीते शिक्षक दिवस यानी पाँच सितम्बर को स्कूल की एक मैडम ने डांस किया था। इसमें स्कूल की छात्राएं भी शामिल थीं। कार्यक्रम के वीडियो भी बने थे। वीडियो में मैडम भी डांस करते हुए दिख रही थीं। शिखा ने बताया कि पलक स्कूल से घर लौटकर आई, तो उसने मेरे मोबाइल से वॉट्सऐप पर स्टेटस लगाया। इसमें इस वीडियो को पोस्ट कर दिया। शिखा के अनुसार, किसी दूसरी छात्रा के जरिए जब यह बात मैडम को पता चली, तो वह नाराज हो गई। उन्होंने मुझे कॉल किया। उस समय मैं दूसरे के घर काम करने गई थी। मैडम के कहने पर मैंने अपने मकान मालकिन का नम्बर दे दिया। मैडम ने मकान मालकिन के नम्बर पर पलक से बात की। मुझे बाद में पता चला कि पलक को उन्होंने जमकर फटकारा।
पलक ने मेरे घर पहुँचने के बाद मुझे इस बारे में बताया। मैडम ने पलक से कहा था कि ‘मेरा वीडियो स्टेटस पर क्यों लगाया? तुम्हारा नाम हम कटवा कर स्कूल से बाहर करा देंगे।’
‘यह बताते हुए मेरी बेटी पलक रोने लगी थी। डर के कारण शुक्रवार को वह स्कूल भी नहीं गई। दोपहर में छोटा भाई घर लौटा, तो कमरे का दरवाजा बंद था। धक्का देने पर दरवाजा खुल गया। अंदर का मंजर देख वह चीखते हुए बाहर निकला तो पड़ोसी जुट गए। कमरे में दुपट्टे के फंदे से पलक लटकी दिखी। खबर पाकर राजापुर चौकी की पुलिस आ गई। पलक की फंदे पर लटकने से मौत हो चुकी थी। हम पलक को लेकर अस्पताल भी पहुँचे, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।’
ज्ञात हो कि बीते नौ दिसम्बर को इसी तरह का वाकया यूपी के जौनपुर जिले में भी हुआ था। यहाँ के बंधवा बाजार स्थित कंचन बालिका इंटर कॉलेज में दलित छात्र आयुष सरोज (16) को करीब दो घंटे तक धूप में स्कूल के गेट के पास खड़ा रहने की सजा दी गई थी। बुखार से पीड़ित छात्र ने क्लास टीचर से छुट्टी की बात कही तो उन्होंने प्रिंसिपल के पास जाने के लिए बोल दिया। प्रिंसिपल ने पूरे क्लास के सामने उसको डांटा और उसे बाहर निकाल दिया। छुट्टी होने के बाद दलित छात्र ने स्कूल के गेट पर ही दम तोड़ दिया।