Tuesday, July 8, 2025
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राजस्थान : केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से भी नहीं हुई धुआँ मुक्त रसोई

2016 में केंद्र सरकार की शुरू की गई उज्ज्वला योजना के बड़े-बड़े होर्डिंग में लाभार्थियों के आँकड़े करोड़ों में दिखते हैं लेकिन जमीनी वास्तविकता कुछ और ही है। एक बार लोगों को सिलेंडर जरूर मिले लेकिन दुबारा गैस भरवाने के लिए पैसे न होने की वजह से चूल्हे पर ही खाना पकाने का काम गाँव की महिलाएं कर रही हैं। परिणाम आज भी इन्हें धुएं झेलते हुए खाना बनाना पड़ रहा है, जो इन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

महिलाओं की तरक्की का रास्ता भी हैं पक्की सड़कें

किसी भी शहर या गाँव के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकास की पहली शर्त वहाँ पक्की सड़क का होना होता है। अच्छी सड़क उस गाँव या शहर तक लोगों की पहुँच आसान बनाती है। सड़क की कमी का सबसे ज्यादा असर वहाँ की महिलाओं के आगे बढ़ने में बाधक होती हैं। पक्की सड़क बाहर की दुनिया से जोड़ती है। दरअसल रास्ते का वीरान होना, अंधेरा होना और 'रात को मत निकलो' जैसे वाक्य ये सब किसी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से कहीं ज्यादा, महिलाओं को ‘घर तक सीमित’ रखने वाली सोच का हिस्सा नजर आता है।

राजस्थान : रोजी-रोटी की तलाश में स्ट्रीट वेन्डर कर रहे हैं चुनौतियों का सामना

देश में रोजगार का बड़ा संकट शिक्षित लोगों के लिए तो है ही लेकिन जो अशिक्षित हैं, उन्हें भी रोजगार के लिए रास्ते तलाशने पड़ते हैं। उनमें से बहुत से लोग सड़क किनारे या घूम घूम कर सामान बेचने का काम करते हैं लेकिन उससे इतनी कमाई नहीं हो पाती है कि रोजमर्रा की जरूरत पूरी हो पाए। बहुत से परेशानियों के बाद भी ए संघर्ष कर जीवन चलाते हैं।

राजस्थान : किसी भी रोज़गार में निरंतरता और स्थायित्व जरूरी है

रोजगार के हर क्षेत्र में महिलाएं मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। चाहे वह छोटी-सी चाय की दुकान हो, कपड़े प्रेस करने का काम हो, साप्ताहिक बाजार में कपड़े और घरेलू सामान बेचना हो या फिर बागवानी करना - हर जगह महिलाएं न केवल काम कर रही हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही हैं। लेकिन उनका यह सफर आसान नहीं है। इन महिलाओं को हर दिन कई समस्यायों का सामना करना पड़ता है।

राजस्थान : पहचान के लिए संघर्ष करता गाड़िया लोहार समुदाय

देश भले 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात करता हो लेकिन आज भी ऐसे अनेक समुदाय हैं, जहां लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। ऐसा ही राजस्थान का लोहार समुदाय है, जिनके पास हुनर तो है लेकिन आज अत्याधुनिक तकनीकें आ जाने से उनका काम नहीं चल रहा है। जिसकी वजह से ये अच्छे और सुरक्षित भविष्य के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं जबकि सरकार विकास की अनेक योजनाएं लागू है। प्रश्न यह उठता है कि क्यों इन तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुँच पा रही हैं।

किसानों की बात नहीं मानी गई तो आजमगढ़ के गांव-गांव में चौपाल लगाकर होगी पंचायत

किसानों ने कहा कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आजमगढ़ में गांव-गांव में चौपाल लगा रहे हैं और खिरिया बाग में किसान 9 महीने...

जम्मू का एक गाँव जहाँ हर घर में दिव्यांग पैदा होते हैं बच्चे

भारत में गांव हो या शहर, कहीं ना कहीं कोई दिव्यांग पुरुष और महिला नजर आ ही जाती है। लेकिन देश में एक ऐसा...

सर्व सेवा संघ कैंपस को बचाने के लिए इकट्ठा हुए गांधी के लोग, कोर्ट में 3 जुलाई को होगी सुनवाई

प्रशासन ने राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ साधना केंद्र को 30 जून को गिराने के लिए नोटिस दिया था। 27 सितंबर को डीएम के आदेश के 1 घंटे बाद ही यह नोटिस सर्व सेवा संघ के प्रांगण में सभी भवनों पर रेलवे विभाग द्वारा चस्पा कर दिया गया था। इसके विरोध में सर्व सेवा संघ ने 28 तारीख को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने यह कहा कि 30 जून को इस मामले की सुनवाई की जायेगी

ट्रेनों के ठहराव के लिए चलता आंदोलन और रेल महकमे का कोरा आश्वासन

जौनपुर। नए निज़ाम में रेलवे राजनीति का एक माध्यम बनकर रह गया है। बुलेट ट्रेन को लेकर बनाए जा रहे बुलबुले के फूटने के...

गन्ना विकास समिति और दी काशी सहकारी चीनी मिल प्रबंध समिति का चुनाव 14 जुलाई से

भदोही। जिले में सहकारिता विभाग ने नए सिरे से चुनाव तिथि तय करते हुए जानकारी दी है कि गन्ना विकास समिति और दी काशी सहकारी...

कर्मचारी संघ की तबादला नीति के विरोध में आंदोलन करने की तैयारियां शुरू

मांगे पूरी नहीं हुई तो संयुक्त मोर्चा प्रदेशव्यापी करेगा आंदोलन तबादला नीति के पैरा 12 को संशोधित करने के लिए सीएम को भेजी नोटिस लखनऊ(आरएनएस )।...
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