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मशहूर शायर मुनव्वर राणा के निधन से देश भर में शोक

उर्दू शायरी की दुनिया के प्रतिष्ठित और बड़े नाम मुनव्वर राणा के निधन से शायरी की दुनिया की एक जगह खाली हो गई।

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो गया है। देर रात दिल का दौरा पड़ने से राणा की मौत हो गई। राणा पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से देश दुनिया में रह रहे उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गयी। उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा हैं। राना के बेटे तबरेज ने बताया कि बीमारी के कारण वह 14 से 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे।

 इससे पहले वह दो दिन तक लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। मुनव्वर राणा काफी वक्त से किडनी फेलियर बीमारी से जूझ रहे थे और हफ्ते में तीन बार उनका डायलिसिस भी किया जाता था। उन्हें क्रोनिक किडनी बीमारी हो गई थी, जिसकी वजह से वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी लंबे वक्त से शामिल नहीं हो पा रहे थे।

हाल ही में उनको चेस्ट पैन की शिकायत हुई थी, उन्हें डॉक्टरों के पास ले जाया गया था। उन्हें निमोनिया की शिकायत बताई गई थी, जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।  मुन्नवर राणा अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। मुनव्वर राणा की गिनती देश के जाने-माने शायरों में से होती है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।  इसके अलावा उन्हें माटी रतन सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।

काफी लंबे वक्त से हार्ट और दूसरी बीमारियों के चलते राणा हॉस्पिटल में भर्ती थे। उर्दू शायरी की दुनिया में उनका बहुत नाम था। 2014 में उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड भी मिला था। यह अवॉर्ड उन्हें एक कविता शाहदाबा के लिए दिया गया था। इसके अलावा मुनव्वर को ‘मां’ पर अपनी शायरी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्धि मिली। देश विदेश के कई बड़े मंचों पर मुनव्वर राणा नाम ही काफी था। इतना ही नहीं बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन भी उनकी आवाज पर फिदा थे।प्रसिद्ध फिल्म लेखक व गीतकार जावेद अख्तर आज लखनऊ पहुंचे और शायर मुनव्वर राणा के जनाजे को कंधा दिया। इन्होंने  कहा, ‘इनके जाने से शायरी और उर्दू को आपूरणीय क्षति हुई है जिसे भरा नहीं जा सकता। मुझे इस बात का  बेहद दुख है। एक-एक करके ऐसी महान प्रतिभाएँ हमारे बीच से चली जा रही हैं जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।हमें  उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी शायरी प्रेरक है, उनके लिखने का एक अलग ही अंदाज था। अच्छी शायरी करना मुश्किल है, लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल है अपनी शायरी करना।’

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी मुनव्वर राना के आवास पर उन्हें  श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। अखिलेश यादव ने कहा, ‘मुनव्वर राणा देश के बड़े शायर थे… ऐसे शायर बहुत कम होते हैं जो कई मौकों पर बहुत स्पष्ट होते हैं… मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने मुनव्वर राना के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने उर्दू साहित्य और कविता में समृद्ध योगदान दिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्ले टफार्म एक्स पर लिखा, ‘श्री मुनव्वर राणा जी के निधन से दुख हुआ। उन्होंने उर्दू साहित्य और कविता में समृद्ध योगदान दिया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राणा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए  x पर लिखा ‘लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है” उर्दू के मशहूर शायर, मुनव्वर राना जी का निधन साहित्य के क्षेत्र की बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने अपनी शायरी से हिंदुस्तान के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई, उनके शब्द रिश्तों का ख़ूबसूरत ताना बाना बुनते थे। उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं’

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