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आरएसएस ने भारत की आजादी में हिस्सा लेते हुए कौन सी कुर्बानियाँ दीं
आरएसएस के सौ वर्ष पूरे होने पर मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश की आजादी के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं और चिमूर जैसे कई स्थानों पर ब्रिटिश शासन का विरोध भी किया। उनके अनुसार राष्ट्र निर्माण में संघ का जबरदस्त योगदान है। लेकिन संघ का राष्ट्रवाद ‘अलग‘ था यह तब स्पष्ट हुआ जब पंडित नेहरू ने 26 जनवरी, 1930 को तिरंगा फहराने का आव्हान किया। हेडगेवार ने भी झंडा फहराने का आव्हान किया, किंतु भगवा झंडा फहराने का। हेडगेवार नमक सत्याग्रह में शामिल हुए थे क्योंकि उन्हें लगा कि यह जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों को अपने संगठन की ओर आकर्षित करने का एक अच्छा अवसर है। इसलिए उन्होंने सरसंघचालक के पद से इस्तीफा दिया, जेल गए और जेल से रिहा होने के बाद दुबारा वही पद ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने अन्य लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के प्रति हतोत्साहित किया। एक संगठन के रूप में आरएसएस ने किसी भी ब्रिटिश विरोधी आंदोलन में भाग नहीं लिया।
राजस्थान : माहवारी के लिए सुविधा की सरकारी योजनाओं से वंचित हैं लड़कियां
सरिता -
माहवारी से जुड़ी चुनौतियाँ केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं हैं बल्कि यह सीधे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता से जुड़ा मुद्दा है। जब लड़कियाँ पैड की कमी के कारण पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होती हैं, तो यह केवल उनका नुकसान नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। सरकार और समाज यदि मिलकर सुनिश्चित करें कि हर गाँव में पैड और स्वच्छता सुविधाएँ समय पर उपलब्ध हों, तो लाखों लड़कियों का जीवन आसान हो सकता है
‘अडानी भगाओ छत्तीसगढ़ बचाओ’ के नारे के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया कॉर्पोरेट विरोधी दिवस
किसान मोर्चा के नेताओं नेअपने विरोध प्रदर्शन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को अपनी कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के विरोध में आम जनता और किसान समुदाय का तीखा विरोध झेलना पड़ेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में किसानों और आदिवासियों को लामबंद करने की योजना बनाते हुए आज कॉर्पोरेट विरोधी दिवस मनाया गया।
राजस्थान : केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से भी नहीं हुई धुआँ मुक्त रसोई
प्रमिला -
2016 में केंद्र सरकार की शुरू की गई उज्ज्वला योजना के बड़े-बड़े होर्डिंग में लाभार्थियों के आँकड़े करोड़ों में दिखते हैं लेकिन जमीनी वास्तविकता कुछ और ही है। एक बार लोगों को सिलेंडर जरूर मिले लेकिन दुबारा गैस भरवाने के लिए पैसे न होने की वजह से चूल्हे पर ही खाना पकाने का काम गाँव की महिलाएं कर रही हैं। परिणाम आज भी इन्हें धुएं झेलते हुए खाना बनाना पड़ रहा है, जो इन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
महिलाओं की तरक्की का रास्ता भी हैं पक्की सड़कें
किसी भी शहर या गाँव के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकास की पहली शर्त वहाँ पक्की सड़क का होना होता है। अच्छी सड़क उस गाँव या शहर तक लोगों की पहुँच आसान बनाती है। सड़क की कमी का सबसे ज्यादा असर वहाँ की महिलाओं के आगे बढ़ने में बाधक होती हैं। पक्की सड़क बाहर की दुनिया से जोड़ती है। दरअसल रास्ते का वीरान होना, अंधेरा होना और 'रात को मत निकलो' जैसे वाक्य ये सब किसी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से कहीं ज्यादा, महिलाओं को ‘घर तक सीमित’ रखने वाली सोच का हिस्सा नजर आता है।
पीएम के संसदीय क्षेत्र में पुलिस ने छात्राओं को नहीं निकालने दी शिक्षा अधिकार रैली
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख को लेकर बीएचयू गेट पर कार्यक्रम किया।...
जिस मज़हब में मानव को छू लेने भर से पाप लगे, तू उसमें सुख से रह लेगा, इस ग़फ़लत में मत रहना…
नवदलित लेखक संघ (नदलेस) द्वारा आयोजित 2022 की आखिरी गोष्ठी स्वतंत्र काव्य पाठ पर केंद्रित रही। इसकी अध्यक्षता डा. कुसुम वियोगी ने की और...
लोकतंत्र में विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है : डॉ. संदीप पाण्डेय
आजमगढ़ में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के भूमिग्रहण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में प्रस्तावित थी पदयात्रा
किसान पद यात्रा में शामिल होने आ...
डॉ. अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस एवं बाबरी मस्जिद शहादत दिवस पर विचार गोष्ठी
दरभंगा। लोकतंत्र के अमर शिल्पी बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस तथा बाबरी मस्ज़िद शहादत दिवस के मौके पर जन संस्कृति मंच, दरभंगा द्वारा...
जब-जब जनांदोलन उभरेंगे, विद्रोही हमारे आगे-आगे मशाल लेकर चलेंगे
संवेदनात्मक ज्ञान और ज्ञानात्मक संवेदना के लोकधर्मी कवि और फ़ासीवाद विरोधी कार्यकर्ता रमाशंकर विद्रोही की जयंती के सुअवसर पर जन संस्कृति मंच दरभंगा के...
हिंसा और यातना लोकतंत्र और स्थायी विकास के लिए खतरा है
यातना मुक्त समाज के लिए बहुलतावाद क्यों जरूरी है? विषय पर संवाद का आयोजन
वाराणसी में बघवानाला स्थित मिर्ज़ा ग़ालिब ग्लोबल सेंटर फॉर डाईवर्सिटी एंड...

