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ग्राउंड रिपोर्ट

बलिया : अस्पताल में लू से 121 लोगों की मौत, बयान देने पर सीएमओ को पद से हटाया गया

बलिया जिला अस्पताल में 10 जून को 7 मरीजों की, 11 जून को 5 मरीजों की, 12 जून को 7 मरीजों की, 13 जून को 17 मरीजों की, 14 जून को 18 मरीजों की, 15 जून को 31 मरीजों की, 16 जून को 21 मरीजों की और 17 जून को 15 मरीजों की मौत दर्ज़ की गयी है।

पूर्वांचल का पूरा इलाका इस समय जबर्दस्त हीट स्ट्रोक की चपेट में है। सैकड़ों लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत हो चुकी है। अनाधिकारिक आँकड़ा इससे ज्यादा भयावह है। सबसे ज़्यादा दयनीय स्थिति उन जिलों की हैं जहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर है। बलिया ऐसे ही जिलों में से एक है, जहाँ जिला अस्पताल मेंपिछले चौबीस घंटे में 36 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक के चलते हुयी है। जबकि जिला अस्पताल में विगत एक सप्ताह में 121 मरीज़ों की मौत हुयी है। ये आंकड़ा सिर्फ़ एक जिला अस्पताल का है। न कि पूरे जिले का। लू से इतनी बड़ी संख्या में

जिला अस्पताल में हुयी मौतें जिला अस्पतालों की बदतर व्यवस्था की पोल खुद खोल रही हैं।

वहीं एक बयान देकर सरकार और जिला स्वास्थ्य व्यवस्था को नंगा करने वाले जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह को पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह जिला अस्पताल के ही सर्जन डॉक्टर ए के यादव को चिकित्सा अधिकारी बनाया गया है।सजातीय होने के नाते सीएमओ डॉ दिवाकर सिंह को सज़ा में रियायत दी गयी है।फिलहाल उन्हें सीएमओ जिला अस्पताल बलिया के पद से हटाकर आजमगढ़ मंडल का संयुक्त निदेशक बनाया गया है।वर्ना सज़ा क्या होती है यह साल 2017 मेंऑक्सीजन गैस की कमी से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से बच्चों की मौत प्रकरण में डॉ क़फील ख़ान को मिली सज़ा से अंदाजा लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि बलिया जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ दिवाकर सिंह ने अपने बयान में कहा है कि जिला अस्पताल में पिछले एक सप्ताह में हुयी सभी मौतें लू मरीजों की हुयी हैं। आजमगढ़ मंडल के अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ ओ पी तिवारी ने शनिवार को बलिया पहुँचकर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को हटाने की जानकारी दी।

मौतों का भयावह आंकड़ा देख जागा प्रशासन

बता दें कि बलिया जिला अस्पताल में 10 जून को 7 मरीजों की, 11 जून को 5 मरीजों की, 12 जून को 7 मरीजों की, 13 जून को 17 मरीजों की, 14 जून को 18 मरीजों की, 15 जून को 31 मरीजों की, 16 जून को 21 मरीजों की और 17 जून को 15 मरीजों की मौत दर्ज़ की गयी है। इतनी बड़ी तादात में लू से हुयी मौतों के बाद अब जिला स्वास्थ्य प्रशासन भीजाग उठा है। जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी हैं।जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी के डॉक्टर्स को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। आशा कार्यकर्ताओं को गांवों में गांवों में गंभीर मरीजों की तलाश करने का निर्देश दिया गया है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर मरीज सर्दी, बुखार, उल्टी, दस्त, सांस सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित है। फिलहाल जिला अस्पताल में हुयी मौतों का कारण बताने से अब बचा जा रहा है। कहा जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कारणों का खुलासा होगा।

वहीं जिलाधिकारी बलिया रवीन्द्र कुमार ने एक बयान में सफाई देते हुए कहा है कि कई मरीजों को सांस, बुखार और खांसी की शिक़ायत है। उऩ्हे लू की शिक़ायत नहीं है। अस्पताल में बेहतर इलाज की सुविधा है। गर्मी को देखते हुए कूलर और एसी भी लगाये गये हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम को भी बलिया जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए एक अलग 15 बेड का विशेष वार्ड भी बनाया गया है।

लू से इतनी बड़ी संख्या में हुयी मौतों के बाद बलिया के जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने शनिवार को एसपी राजकरन नैय्यर के साथ जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वार्ड, मेडिकल वार्ड, अस्थि विभाग, बच्चा विभाग का निरीक्षण करके मरीज़ों का हाल पूछा और चिकित्सीय सुविधाओं की जानकारी ली।

वार्ड फुल वाराणसी भेजे जा रहे मरीज़

भीषण गर्मी और लू के कारण पिछले 48 घंटों में जिला अस्पताल में 266 मरीज़ भर्ती हुये हैं। आलम यह है कि मरीज़ों की बड़ी तादात के कारण बलिया जिला अस्पताल के सभी वार्ड पूरी तरह से भरे हुये हैं। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले गम्भीर मामलों को पड़ोसी जिला वाराणसी रेफर कर दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी, मेडिकल और स्पेशल वार्ड भर गये हैं। भर्ती के लिए आने वाले मरीजों में ज़्यादातर (लगभग 70%)की उम्र 60 वर्ष से अधिक है।

तापमान लगातार 42-44डिग्री बना हुआ है

पिछले एक महीने से लगातार पूर्वांचल क्षेत्र में तापमान 42 डिग्री से लेकर 44 डिग्री बना हुआ है। ऐसे में दिहाड़ीपेशामज़दूर, निर्माण मज़दूरों की जान सांसत में है। उन्हें रोज अपनी रोटी खुले आसामान के नीचे प्रचंड धूप में कमानी पड़ रही है।

 

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