डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के 47वें राष्टपति पद की शपथ लेते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमरीकी सरकार द्वारा पोषित विश्व के अनेक देशों के स्वास्थ्य कार्यकमों पर आर्थिक रोक लगा दी, रोग नियंत्रण और रोग बचाव के लिए अमरीकी वैश्विक संस्था सीडीसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ कार्य करने से प्रतिबंधित किया, और अनेक ऐसे कदम उठाये जिनका नकारात्मक प्रभाव वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और जेंडर समानता पर पड़ा। इसके दूरगामी परिणामों का एक आकलन
वर्तमान में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और शोषण के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है, जिसके लिए सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 24 घंटे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन भी संचालित की जा रही है। इसके लिए स्कूल और कॉलेज में विशेष अभियान चला कर लड़कियों को जागरूक किया जा रहा है। किशोरियों को इसकी उपयोगिता और महत्ता के बारे में बताना चाहिए ताकि लड़कियां इसका उपयोग कर स्वयं को अनहोनी से बचा सकें।
किसी मंडलीय अस्पताल उर्फ मेडिकल कॉलेज के पर्ची काउंटर पर साँड़ आराम फरमा रहा हो और अस्पताल के ठीक पीछे मेडिकल वेस्ट का डम्पिंग ग्राउंड हो तो आप आसानी से समझ सकते हैं कि यह अस्पताल शहर और जिले का स्वास्थ्य कितने बेहतरीन ढंग से दुरुस्त रखता होगा। इसके लिए कहीं दूर जाने की आवश्यकता भी नहीं है। बस विंध्याचल मंडल के मुख्यालय मिर्ज़ापुर आइये और यह नज़ारा देख लीजिये।
सरकार जनता के स्वास्थ्य से खेल करने में तनिक भी पीछे नहीं रहती है। आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मामले में अभी भी अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है। उस पर पूर्वाञ्चल और भी पिछड़ा है, जहां एम्स के नाम पर गोरखपुर है और बनारस का सर सुंदरलाल हॉस्पिटल कहने को तो बहुत बड़ा हॉस्पिटल है लेकिन इसका स्टेटस एक रेफरल अस्पताल से अधिक नहीं। ऐसे में लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ रुख करना मजबूरी हो जाती है। उत्तर प्रदेश में 19962 मरीजों पर एक डॉक्टर है।
विशेषज्ञों का यह मानना है कि कैंसर के सभी रूपों का इलाज संभव है। लेकिन इसके लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपने शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नज़रंदाज़ नहीं करनी चाहिए। समय-समय पर चेकअप इस बीमारी को गंभीर होने से पहले समाप्त कर सकता है। वहीं व्यायाम, पौष्टिक भोजन और तंबाकू उत्पादों के सेवन से परहेज इसके खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है।
जिले के सरकारी अस्पतालों में डेंगू और वायरल फीवर के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। इस बीमारी से सम्बंधित वॉर्ड फुल हो गए हैं। स्वास्थ विभाग के अनुसार, जिले में अब तक डेंगू के 99 मरीज मिले हैं।
बलिया जिला अस्पताल में 10 जून को 7 मरीजों की, 11 जून को 5 मरीजों की, 12 जून को 7 मरीजों की, 13 जून को 17 मरीजों की, 14 जून को 18 मरीजों की, 15 जून को 31 मरीजों की, 16 जून को 21 मरीजों की और 17 जून को 15 मरीजों की मौत दर्ज़ की गयी है।
वाराणसी। गार्गी नेचुरोपैथी क्लिनिक द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर के सामने दौलतपुर कालीजी मंदिर रोड (पाण्डेयपुर) में किया गया।...