एक बार की बात है, एक खूबसूरत जंगल था। उस जंगल में बहुत से छोटे से बड़े जानवर बड़े प्यार से रहते थे। एक दिन कुछ लोग जंगल काटने आए। पेड़ काटने लगे, कुछ छोटे जानवर, चिड़िया जो पेड़ पर रहते थे उनके तो घर नष्ट हो गए। उन सभी छोटे जानवरों ने एक सभा बुलाई और उन्होंने इस विषय पर बातचीत की। उनमें से एक खरगोश ने कहा कि हम सभी को शेर महाराज के पास जाना चाहिए, वही इस समस्या का उपाय बताएंगे। सभी जानवर शेर महाराज के पास पहुंचे। शेर महाराज ने कहा बोलो क्या समस्या है? खरगोश ने कहा- महाराज कुछ मनुष्य हमारा जंगल नष्ट कर रहे हैं। शेर महाराज ने कहा कि किस दुष्ट ने जंगल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, उन्हें भगाने के लिए सेना तैयार की जाए। शेर महाराज और उनकी सेना चल पड़ी।
उसी समय भोलू नाम का एक व्यक्ति जंगल में जड़ी-बूटी तोड़ रहा था तभी शेर महाराज की नजर भोलू पर पड़ी। शेर महाराज ने कहा यही है जो हमारा जंगल नष्ट कर रहा है। महाराज ने अपनी सेना से कहां बंदी बना लो और ले चलो इसे।इसके साथी भी आसपास ही होंगे। भोलू ने कहा यह आप सभी क्या कर रहे हैं ? मेरा अपराध क्या है? शेर ने कहा तूने और तेरे साथी हमारा जंगल नष्ट करने की कोशिश की। गोलू ने कहा यह क्या कह रहे हैं ? मैं भला जंगल को क्यों नष्ट करूंगा और मेरे साथी भी। कृपया मुझे समझाइए।अच्छा तू ऐसे नहीं मानेगा चुपचाप हमारे साथ चल। ऐसा कह शेर महाराज की सेना भोलू को पकड़ कर अपने साथ ले चली। कुछ दूर चलने के बाद वह सभी उन लोगों तक पहुंचे जो उनका जंगल नष्ट कर रहे थे। वे शिकारी हंसने लगे और कहे कोई हमसे मिलने आया है शेर महाराज ने कहा हमारे जंगल से तुरंत निकल जाओ। शिकारी बोले अगर नहीं निकले तो, यह कह कर शिकारी ने शेर महाराज के ऊपर गोली चला दी। भोलू भागकर शेर महाराज को धक्का देकर बचा लिया और उसने कहा यहां से बचकर भाग निकले। शेर महाराज ने भोलू से क्षमा मांगी, तो भोलू ने कहा क्या अब आप मुझे समझाएंगे। शेर महाराज ने कहा यह लोग हमारा जंगल नष्ट करना चाहते हैं। भोलू ने कहा मेरे पास एक योजना है चलो मेरे साथ शिकारी ने उसे देखा और कहा तुम सभी मरना चाहते हो गोलू ने कहा कृपया इस जंगल को ना काटे। शिकारी ने कहा नहीं हम जंगल को काट कर ही रहेंगे। भोलू ने कहा ठीक है शेर महाराज अपने हाथी दोस्त को आदेश दे दिजिए कि वह इन इंसानों के घरों को नष्ट कर दे।
शिकारी ने कहा नहीं ऐसा मत कीजिए अगर आप हमारे घरों को नष्ट कर देंगे तो हमारे बीवी बच्चे कहां रहेंगे ।तभी भोलू ने कहा यह बात आप भी तो नहीं समझ रहे हो, अगर आप जंगल काट दोगे तो यह जानवर और उनके बच्चे कहां रहेंगे। शिकारी ने कहा आज से हम कभी भी जंगल नहीं काटेंगे । हम भी सभी मनुष्यों के साथ ईमानदारी से काम करेंगे ।
12 वर्षीय अनिकेत ठक्कर रायगढ़ (छग ) में कक्षा सातवीं में पढ़ते हैं।( यह कहानी और तस्वीर कल्याणी मुख़र्जी के सौजन्य से )