कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि केस की सजा पर दायर पुनर्विचार याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिका खारिज होने से राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली की उम्मीद पर पानी फिर गया है। ज्ञात हो कि सूरत कोर्ट ने गुजरात के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मानहानि केस की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जज ने राहुल गांधी के सामने माफ़ी माँगने का विकल्प भी रखा था, पर उन्होंने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था। गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश हेमन्त प्रच्छक ने इस याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘राहुल के खिलाफ कम से कम दस क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। उनके खिलाफ कई अन्य केस भी फाइल हो चुके हैं। इस स्थिति में राहुल गांधी को लेकर सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है।’ राहुल गांधी के पास अब भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प बचा है।
सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि केस में IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सजा पर 30 दिन की रोक लगाते हुए उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी और हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का समय भी दिया था। राहुल गांधी ने उक्त मामले में सजा पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने आज ख़ारिज करते हुए सजा बरकरार रखी है।
क्या है पूरा प्रकरण
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली में बयान दिया था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का दावा ठोका था। बीजेपी विधायक ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान से हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची।
कोर्ट से सजा मिलने के बाद क्या हुआ
सूरत कोर्ट ने मानहानि के इस केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर सांसद अथवा विधायक को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द करने का प्रावधान है। इतना ही नहीं, सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया जाता है। इसी प्रावधान के तहत 24 घंटे के अन्दर ही राहुल गांधी की सांसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सजा के साथ ही राहुल गांधी को जमानत मिल गई थी और उन्हें हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था। राहुल गांधी यदि सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिलाती है, तो उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है।
सजा पर क्या कहा था राहुल गांधी ने
सूरत कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने माफ़ी माँगने के विकल्प को नकारते हुए कहा था कि, ‘मैं राजनेता हूं। ऐसे में जो भ्रष्टाचार हो रहे हैं उसे उठाना मेरा नैतिक उत्तर दायित्व है और मैंने इसी फर्ज को निभाया है। मेरा इरादा किसी की भावना को नुकसान पहुँचाना नहीं था।’
पुनर्विचार याचिका ख़ारिज होने पर क्या रही कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने हमेशा सच की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे। सच यह है कि ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल ‘भाई’, विजय माल्या, जतिन मेहता जैसे भगोड़े, मोदी सरकार के निगरानी में जनता के पैसे लेकर संदिग्ध रूप से विदेश पहुंच गए। भाजपा ने उनको तो आज़ाद कर दिया, पर झूठ की चालें चल, एक राजनैतिक साज़िश के तहत, राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा कर संसद से निलंबित करा दिया।’
श्री @RahulGandhi ने हमेशा सच की लड़ाई लड़ी है, और आगे भी लड़ते रहेंगे।
सच यह है कि ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल "भाई", विजय माल्या, जतिन मेहता जैसे भगोड़े, मोदी सरकार के निगरानी में जनता के पैसे लेकर, संदिग्ध रूप से विदेश पहुँच गए।
भाजपा ने उनको तो आज़ाद कर दिया, पर झूठ की…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 7, 2023
हाईकोर्ट में राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज होने पर कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि ‘यह मामला सिर्फ राहुल गांधी या किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है। यह अभिव्यक्ति की बात है। इस सरकार का उद्देश्य है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण किया जाए। इस कारण मानहानि के कानून का दुरुपयोग किया गया है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय नहीं मिला। ये लोकतंत्र की हत्या है, लेकिन फिर भी पूरा देश और विपक्ष राहुल गांधी के साथ खड़ा है।
ರಾಜಕೀಯದ ಕಾರಣಕ್ಕೆ ನಮ್ಮ ನಾಯಕರಾದ ಶ್ರೀ ರಾಹುಲ್ ಗಾಂಧಿ ಅವರನ್ನು ಪದೇ ಪದೆ ಗುರಿಯಾಗಿಸುತ್ತಿರುವ ಬಿಜೆಪಿಯ ಧೋರಣೆ ಖಂಡಿಸಿ ಇಂದು ಸಂಜೆ 3.30ಕ್ಕೆ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪಕ್ಷದ ವತಿಯಿಂದ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಭವನದ ಗಾಂಧಿ ಪ್ರತಿಮೆಯ ಬಳಿ ಪ್ರತಿಭಟನೆ ನಡೆಸಲಾಗುತ್ತಿದೆ. ರಾಜ್ಯಾದ್ಯಂತ ಪ್ರತಿಭಟನೆ ನಡೆಸುವಂತೆ ಎಲ್ಲಾ ಜಿಲ್ಲಾ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಅಧ್ಯಕ್ಷರಿಗೆ,…
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) July 7, 2023
भाजपा की क्या है प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘जहां तक मानहानि का सवाल है, तो राहुल गांधी आदतन अपराधी हैं। यह बात हम बहुत जिम्मेदारी के साथ कहना चाहते हैं। अगर आप उनकी राजनीतिक टिप्पणियों को देखें तो वह विदेश जाकर भारत के लोकतंत्र की मानहानि करते हैं, भारत की संस्थाओं की मानहानि करते हैं और अब तो मीडिया की भी मानहानि करते हैं। अब तो वह पत्रकारों को भी नहीं छोड़ते हैं। वह जेएनयू जाते हैं और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े हो जाते हैं। सेना को लेकर खून की दलाली की बात करते हैं। इन्होंने राफेल को लेकर चौकीदार चोर है… का अभियान चलाया और बाद में जनता ने जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने माफी मांगी। उन्होंने राहुल को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘आपको लगता है कि लोगों को अपमानित करना आपका अधिकार है तो कानून का भी अधिकार है कि आपको पकड़े। कोई कैसे कह सकता है कि सारे मोदी चोर हैं। कुछ भी बोल देंगे आप? आपकी जुबान पर कंट्रोल नहीं है।
राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई घोर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी conviction स्टे की याचिका को खारिज कर दिया है।
– श्री @rsprasad
पूरा देखें – https://t.co/xpXder68lF pic.twitter.com/DPZDhbYbtB
— BJP (@BJP4India) July 7, 2023
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘यह न्यायालय का निर्णय है। आपने गाली दी, अपशब्दों का इस्तेमाल किया। आप हिस्ट्रीशीटर हैं।”
VIDEO | "Some people think that freedom of speech is freedom to abuse. So the courts are doing their job and action is being taken under the purview of the law," says BJP leader @naqvimukhtar on Gujarat HC dismissing Congress leader Rahul Gandhi's plea seeking a stay on his… pic.twitter.com/NAt9Xb3w2m
— Press Trust of India (@PTI_News) July 7, 2023
प्रियंका गांधी ने भी तोड़ी चुप्पी
राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज होने पर कांग्रेस महासचिव और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि, ‘यह सरकार का अहंकारी हथकंडा है।’ जनता के हितों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार इस तरह के हथकंडों का सहारा ले रही है।
"समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर"श्री राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 7, 2023
प्रियंका गांधी ने अपनी बात कहने के लिए रामधारी सिंह दिनकर की कविता का सहारा लिया और लिखा कि –
समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर
कांग्रेस की महासचिव ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं। युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए। अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम-दाम- दंड-भेद-छल-कपट सब अपना रही है।