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किसानों की बात नहीं मानी गई तो आजमगढ़ के गांव-गांव में चौपाल लगाकर होगी पंचायत

किसानों ने कहा कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आजमगढ़ में गांव-गांव में चौपाल लगा रहे हैं और खिरिया बाग में किसान 9 महीने से धरने पर बैठे हैं। सरकार अगर किसानों की मांग नहीं मानेगी तो आजमगढ़ में गांव-गांव चौपाल लगाई जाएगी और किसान पंचायत की जाएगी। सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ जब कह […]

किसानों ने कहा कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आजमगढ़ में गांव-गांव में चौपाल लगा रहे हैं और खिरिया बाग में किसान 9 महीने से धरने पर बैठे हैं। सरकार अगर किसानों की मांग नहीं मानेगी तो आजमगढ़ में गांव-गांव चौपाल लगाई जाएगी और किसान पंचायत की जाएगी। सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ जब कह चुके हैं कि एयरपोर्ट बहुत छोटा है जिससे उड़ान नहीं हो सकती तो अब किस आधार पर एयरपोर्ट अथॉरिटी पत्र भेज रही है।  सांसद निरहुआ जब कह चुके हैं कि एयर कंपनियां नहीं आना चाहती तो क्यों फिर उपजिलाधिकारी एयरपोर्ट का निरीक्षण कर रहे हैं। एयरपोर्ट भाजपा के नेताओं का पिकनिक स्पॉट बन गया है। यह हाल उस परियोजना का है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आजमगढ़ को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना का सरकार दावा करती है और सरकार के नेता इसे खारिज करते हैं। किसान नेता राजीव यादव का कहना है कि, ‘इस तरह के परस्पर विरोधी बयान भ्रटाचार की तरफ भी इशारा करता है’।

उनका कहना है कि, ‘वोट के लिए सांसद-मंत्री आजमगढ़ के चक्कर काट रहे हैं लेकिन खिरियाबाग नहीं आ रहे हैं।  खिरिया बाग के किसान पूरी राजनीतिक हलचल देख रहे हैं। सरकार को जान लेना चाहिए कि जब किसान हल चलाएगा तो सब मसले हल हो जाएंगे।’

आजमगढ़ से हवाई जहाज़ उड़ाने के प्रशासन के बयान को लेकर किसानों मज़दूरों का कहना है की 2017 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ एयरपोर्ट बनाने का वादा किया गया। 2019 में बन कर तैयार होने का दावा करते हुए उड़ान की ख़बरें आने लगी।  2022 का विधानसभा चुनाव बीत गया फिर भी उड़ान नहीं हुई और अब 2024 का चुनाव आने वाला है तो फिर से उड़ान की ख़बरें आने लगी हैं। अब कहा जा रहा है की पेड़ और टावर उड़ान के लिए हटाए जाएंगे. जब सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ कह चुके हैं कि उड़ान नहीं हो सकती तो कैसे उड़ान के दावे किए जा रहे। इस विरोधाभासी बयान को लेकर भी किसान आक्रोशित हैं और सरकार के रवैये से नाराज हैं।

उनका कहना है कि 9 महीने से धरने पर बैठे किसानों की सुध सरकार नहीं ले रही है, इससे साफ़ है कि सरकार किसान-मज़दूर विरोधी है। सरकार को जान लेना चाहिए की किसानों मज़दूरों के बगैर देश ही नहीं दुनिया भी नहीं चल सकती।

खिरिया बाग में 285 वें दिन धरना जारी रहा। धरने पर अवधेश यादव, रवींद्र यादव, संदीप यादव, सुनीता, मीना, नंदलाल यादव, प्रेम चंद, आत्मा राम, रामचंद्र यादव, प्रमोद, संदीप उपाध्याय, जटाशंकर, हरिवंश यादव, शशिकांत, नीलम, किस्मती, फूलमती, सुनील, सीता यादव, अजय यादव, बिंदु यादव आदि मौजूद रहे।

गाँव के लोग
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