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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले अमोल, मनोरंजन और सागर का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं

लातूर(महाराष्ट्र) भाषा। संसद के बाहर प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमोल के अभिभावकों का कहना है कि उनका बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था और आगे पढ़ने के लिए उनसे प्रति माह चार हजार रुपये की मांग करता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार अमोल को यह धनराशि […]

लातूर(महाराष्ट्र) भाषा। संसद के बाहर प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमोल के अभिभावकों का कहना है कि उनका बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था और आगे पढ़ने के लिए उनसे प्रति माह चार हजार रुपये की मांग करता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार अमोल को यह धनराशि देने की स्थिति में नहीं था।

संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना सामने आई। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग-सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए, उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ा और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए। इन दाेनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

अमोल शिंदे (25) महाराष्ट्र लातूर जिले की चाकुर तहसील के जारी गांव का रहने वाला है। दिल्ली में अमोल को गिरफ्तार किए जाने के बाद लातूर पुलिस की एक टीम जारी गांव पहुंची। अमोल की मां केसरबाई ने बुधवार रात पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘वह (अमोल) हमेशा से सेना में भर्ती होना चाहता था। मैं उससे किसी कंपनी में काम करने के लिए कहती थी क्योंकि भर्ती के लिए आयु सीमा थी। हमें संसद की घटना की जानकारी तब मिली जब पुलिस हमारे घर पहुंची। पुलिस ने खेल से जुड़े उसके दस्तावेज़ अपने कब्जे में ले लिए हैं।’

अमोल की मां ने कहा, ‘अमोल हमेशा कहता था कि वह पढ़ाई के लिए लातूर जाना चाहता है। उसने प्रति माह चार हजार रुपये देने को कहा था लेकिन हमने कहा कि यह हमारे लिए संभव नहीं है। हमने पहले ही उसकी स्कूली शिक्षा पर काफी खर्च किया है।’ अमोल के पिता धनराज शिंदे ने कहा,‘अमोल दिहाड़ी पर मजदूरी करता था उसने कई बार सेना में भर्ती होने के प्रयास किए थे और इसके लिए असम, नासिक और कोल्हापुर भी गया था। उसने सोचा होगा कि मैं कब तक दिहाड़ी मजदूरी करूंगा शायद इसलिए ये (संसद की घटना) की होगी।’

उन्होंने कहा, ‘अगर वह बच जाता है (मामले में रिहा हो जाता है) तो गांव वापस आ जाएगा और अगर नहीं आता तो हम सोचेंगे कि हमारा एक बेटा नहीं था।’

पुलिस ने पूर्व में कहा था कि अमोल अनुसूचित जाति का है और बीए (स्नातक) किया है। पुलिस और सेना में भर्ती के लिए परीक्षाओं की तैयारी के दौरान उसने दिहाड़ी मजदूरी की थी। उन्होंने बताया कि उसके माता-पिता और दो भाई भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं।

पुलिस ने बताया कि अमोल के माता-पिता के अनुसार अमोल नौ दिसंबर को यह कहकर घर से गया था कि वह सेना में भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है और चूंकि वह पहले भी गया था इसलिए उसके माता-पिता को इसमें कुछ भी अजीब नहीं लगा।

दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर कूदे मनोरंजन डी. के बारे में पुलिस अभी जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी कि मनोरंजन सोशल मीडिया पर ‘भगत सिंह फैन क्लब’ नामक पेज से जुड़ा है और वह ‘क्रांतिकारी की तरह’ लगता है।

मैसूर(भाषा)। मैसूरु निवासी मनोरंजन (33) ने उन्नाव  के सागर शर्मा के साथ संसद में नारे लगाए और ‘केन’ से पीले रंग का धुआं छोड़ा जिससे सदन में अफरा-तफरी मच गयी। संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के तुरंत बाद मैसूर पुलिस हरकत में आयी और बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले मनोरंजन के बारे में पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी।
पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि जांच से पता चला है कि वह ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़ा हुआ था। एक सहायक पुलिस आयुक्त ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हमें उसकी किसी आपराधिक पृष्ठभूमि का पता नहीं चला है। वह काफी चुप रहने वाला व्यक्ति है लेकिन जिन किताबों को वह पढ़ता है उन्हें देखकर वह ‘क्रांतिकारी की तरह’ लगता है।’
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि मनोरंजन स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का प्रशंसक लगता है जिन्हें ब्रिटिश राज में 1931 में 23 साल की उम्र में फांसी की सजा दी गयी थी। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि भगत सिंह और उनके समूह ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान जो किया था, ये लोग उसे दोहराना चाहते थे।’

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आठ अप्रैल 1929 को भगत सिंह और उनके सहयोगियों ने दिल्ली में सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था लेकिन इस बात का ध्यान रखा था कि कोई खास नुकसान न हो। मनोरंजन ने संसद में प्रवेश करने के लिए मैसूरु-कोडगु के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा से पास हासिल किया था।

उसके पिता व किसान देवराज गौड़ा ने कहा कि उनके बेटे की हरकत निंदनीय है और दोषी पाए जाने पर वह उसे त्याग देंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर मेरा बेटा दोषी साबित हुआ तो उसे फांसी पर लटका देना।’ देवराज गौड़ा ने कहा कि मनोरंजन बहुत सारी, खासकर स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था।

उन्नाव (भाषा)। वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी पर सुरक्षा में सेंधमारी करते हुए दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और ‘केन’ से पीला धुआं उड़ाते हुए नारेबाजी की, जिन्हें बाद में सांसदों द्वारा पकड़ लिया गया।

पुलिस के मुताबिक, सागर का परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है। पुलिस ने परिजनों के हवाले से बताया कि सागर हाल ही में बेंगलुरु से लखनऊ लौटा था। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘वह ई-रिक्शा चलाता था।’ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन तीनों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।इस मामले में पाँच अभियुक्त गिरफ्तार हुये हैं।

वहीं मनोरंजन के साथ सदन तक पहुंचे सागर शर्मा ने अपने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि प्रयास करना जरूरी है, फिर चाहे आप जीतें या हारें।
सागर अपने अन्य साथी के साथ दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में अफरातफरी मचा दी जिसे सांसदों ने पकड़ लिया।

इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में सागर ने लिखा, ‘जीतें या हारें पर कोशिश तो जरूरी है। अब देखना ये है सफर कितना हसीं होगा। उम्मीद है फिर मिलेंगे।’

सागर के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह दिल्ली में एक ‘विरोध-प्रदर्शन’ में शामिल होने के लिए दो दिन पहले लखनऊ स्थित अपने घर से चला गया था। हालांकि परिवार का कहना है कि उन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाज नहीं था कि वह संसद की सुरक्षा में सेंधमारी की घटना में शामिल होने के लिए जा रहा है।

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