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लोकसभा चुनाव : कांग्रेस की जारी 39 प्रत्याशियों की सूची में भूपेश राजनंदगाँव और राहुल वायनाड़ से लड़ेंगे चुनाव

कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में 40 लोगों के नाम की घोषणा की। छतीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में से 6 उम्मीदवारों के नाम जारी।

दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस पहली सूची में 40 नामों की घोषणा की गई है। जिसमें छतीसगढ़, केरल, कर्नाटक के अलावा अन्य प्रदेशों की कुछ सीटों के उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए हैं।

इस सूची में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनंदगाँव से, केरल के वायनाड़ से राहुल गांधी और तिरूनन्तपुर से शशि थरूर जैसे बड़े नाम शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी के महासचिव वेणुगोपाल केरल की अलप्पुझा सीट से उम्मीदवार रहेंगे।

कांग्रेस द्वारा घोषित इन 40 उम्मीदवारों में 15 जहां सामान्य वर्ग से उम्मीदवार हैं वहीं 24 उम्मीदवार एसटी, एससी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय से हैँ।

छतीसगढ़ में 11 में से 6 उम्मीदवारों के नाम घोषित 

 छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जहां सभी 11 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी ने आज 11 में से छ: लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए पुराने नेताओं के साथ एक नए चेहरे पर भरोसा जताया है।

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को राज्य के जिन छह प्रत्याशियों की सूची जारी की है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ  पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और मौजूदा सांसद शामिल हैं। इनमें कुल छह उम्मीदवारों में से चार अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और एक अनुसूचित जाति समुदाय से हैं।

उम्मीदवारों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (राजनांदगांव), पूर्व विधायक विकास उपाध्याय (रायपुर), पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू (महासमुंद), पूर्व मंत्री शिव डहरिया (जांजगीर-चांपा), मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत (कोरबा) और नए चेहरे राजेंद्र साहू (दुर्ग) से चुनाव लड़ेंगे।

छतीसगढ़ के पूर्व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल जो अभी पाटन विधानसभा से विधायक हैं, उन्हें राजनंदगाँव लोकसभा से टिकट मिली है। भूपेश बघेल 15 वर्ष बीजेपी के सत्ता में रहने के बाद वर्ष 2018 से 2023 तक प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे थे। छ: बार विधायक रह चुके हैं। छतीसगढ़ के पिछड़ा समाज (कुर्मी समाज) का एक बड़ा चेहरा हैं।

इसके पहले भी भूपेश बघेल दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में लेकिन दोनों बार उन्हें शिकस्त मिली। इस बार उनका मुकाबला राजनांदगांव से भाजपा के मौजूदा सांसद संतोष पांडेय से है।

राजनांदगांव, पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह का भी क्षेत्र है। यहां से बघेल के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है।

वर्ष  2018 में जब 15 साल के भाजपा शासन के बाद कांग्रेस सत्ता में आई थी तब बघेल ने मुख्यमंत्री पद की दौड़ में टीएस सिंह देव, चरण दास महंत और ताम्रध्वज साहू जैसे प्रभावशाली नेताओं को पछाड़ दिया था और वह मुख्यमंत्री बन गए थे।

छतीसगढ़ में लोकसभा में पिछले चुनाव में 11 लोकसभा सीटों में से 9 सीटें भाजपा ने जीती थीं, वहीं 2 सीटों बस्तर और कोरबा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी सांसद बने थे।

राज्य में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया था लेकिन चुनाव प्रचार उनके इर्दगिर्द ही केंद्रित रहा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा।

दो अन्य उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू और शिवकुमार डहरिया पिछली बघेल सरकार में मंत्री थे और दोनों पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे।

ताम्रध्वज साहू राज्य में प्रभावशाली तेली समाज से आते हैं। उन्हें साहू बहुल महासमुंद सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। चार बार विधायक रहे साहू 2014 में दुर्ग सीट से लोकसभा के लिए भी चुने गए थे। इनका मुकाबला भाजपा की महिला उम्मीदवार रूपकुमारी चौधरी से होगा। चौधरी पूर्व में विधायक रह चुकी हैं।

राज्य में सतनामी (अनुसूचित जाति) समाज के प्रभावशाली नेता डहरिया को कांग्रेस ने आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट से मैदान में उतारा है। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं। डहरिया का मुकाबला भाजपा की महिला उम्मीदवार कमलेश जांगड़े से है।

कांग्रेस पार्टी ने महत्वपूर्ण रायपुर लोकसभा सीट से ब्राह्मण समाज से विकास उपाध्याय को टिकट दिया है। उपाध्याय 2018 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह रायपुर शहर पश्चिम विधानसभा सीट से पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। इनका मुकाबला भाजपा के कद्दावर नेता और राज्य सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से है।

पार्टी ने कोरबा से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत पर एक बार फिर भरोसा जताया है। वह कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत की पत्नी हैं। चरण दास महंत राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। इनका मुकाबला भाजपा की वरिष्ठ नेता सरोज पांडेय से है। पांडेय ने हाल ही में राज्यसभा का अपना कार्यकाल पूरा किया है।

दुर्ग सीट पर कांग्रेस ने नए चेहरे राजेंद्र साहू को चुनाव मैदान में उतारा है। राजेंद्र साहू का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद विजय बघेल से है।

कांग्रेस की इस सूची से पहले 3 मार्च को भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी।

(भाषा के इनपुट से)

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