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लोकसभा चुनाव : सुरेश पचौरी और पूर्व सांसद राजूखेड़ी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का हाथ पकड़ा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

भोपाल। लोकसभा 2024 के चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस, बसपा और सपा जैसी पार्टियों के अनेक नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

आज शनिवार की सुबह ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

यह जानकारी भाजपा की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने दी।

सुरेश पचौरी गांधी परिवार के काफी करीबी रहे हैं। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब पचौरी केंद्रीय रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। इसके साथ कांग्रेस से चार बार राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं।

प्रमुख आदिवासी नेता गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी तीन बार कांग्रेस के टिकट पर धार (अनुसूचित जनजाति) सीट से सांसद चुने गए।

राजूखेड़ी 1990 में वह भाजपा विधायक के रूप में चुने गए, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

इसके पहले भाजपा और अन्य पार्टियों में शामिल होने वाले दिग्गज 

इन दो नेताओं के अलावा कांग्रेस के कई दिग्गज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। जिनमें गीता कोड़ा, एस विजयधरानी, मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दिकी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, देबासिस नायक, अशोक चव्हाण, छ्गन भुजबल,   जितिन प्रसाद, दिगंबर कामत शामिल हैं। जिन्होंने वर्ष 2019 के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा।

गीता कोड़ा झारखंड से सिंहभूमि सीट से सांसद थीं और 2024 में 25 फरवरी को भाजपा में शामिल हुईं। इसके पहले वे  जय भारत समानता पार्टी से विधायक रहीं और वर्ष 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। जय भारत समानता पार्टी का विलय 2018 में कांग्रेस में हो गया।

तमिलनाडु से कांग्रेस की विधायक एस विजय धरानी इसी वर्ष 24 फरवरी को भाजपा में शामिल हो गईं।

महाराष्ट्र से दो बार मुख्य मंत्री रहे अशोक चव्हाण मार्च में भाजपा में शामिल हो गए। जबकि ये महाराष्ट्र की कांग्रेस पार्टी के महासचिव भी रहे हैं। वर्ष 1987-88 में नांदेड से सांसद चुने गए थे।

बाबा सिद्दिकी जिनकी गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी,  एनसीपी (अजित पवार) में शामिल हो गए। ये मुंबई के बांद्रा से तीन बार विधायक चुने गए थे।

महाराष्ट्र के कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ शिवसेना (एकनाथ शिंदे) जॉइन कर ली।

पिछड़े जाति के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता रहे हैं। एनसीपी के दो फाड़ होने का बाद ये अजित पवार के साथ शामिल हो गए।

ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के जाने-माने और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता थे। वर्ष 2020 में कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल हो गए, इनके साथ अनेक विधायक भी थे जो भाजपा में गए, जिसके चलते सवा साल बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।

वर्ष 2021 में जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल हो विधानसभा चुनाव जीतने के बाद योगी की सरकार में मंत्री भी रहें।

दिगंबर कामत 2022 में भाजपा में शामिल हुए। दिगंबर कामत गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री थे। जब ये भाजपा में शामिल हुए तो इनके साथ कांग्रेस के आठ विधायक थे और विपक्षी नेता माइकल लोबो भी थे। जिन्होंने भाजपा जॉइन की।

वर्ष 2019 में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने राज्य सभा चुनाव में विपक्ष में  मतदान किया था। जिसके बाद कांग्रेस से अलग हो भाजपा में शामिल हो गए।

महिला विंग की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने वर्ष 2021 में कांग्रेस छोड़ ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी जॉइन कर ली थीं और बाद में इसी पार्टी से वे राज्य सभा की सांसद रहीं।

वर्ष 2022 में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन कर लिए।

इसी तरह सुनील जाखड़, अश्विनी कुमार, हार्दिक पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, अनिल एंटनी भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टियों में शामिल हुए।

भाजपा में शामिल होने नेताओं में बीजू जनता दल के देबासिस नायक 25 फरवरी को भाजपा में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद बनवारी लाल कंछल, पूर्व एमएलसी कुँवर वीरेंद्र प्रताप सिंह, बसपा से पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार सिंह और रालोद के सरदार मंजीत सिंह हैं।

(भाषा के इनपुट के साथ)

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