वाराणसी: आईपी विजया भेलुपर चौराहे पर स्थित पार्क में गत 29 अगस्त शुक्रवार को पेड़ पर एक नाबालिग किशोरी की लाश फाँसी के फंदे से लटकी मिली है। 30 अगस्त से ही परिजन भेलुपुर थाने के चक्कर लगा रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि उन्हें पोस्टमार्टम की कॉपी नहीं दी गयी है। एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है।
गौरतलब है कि बनारस में आईपी मॉल विजया त्रिमुहानी जैसे 24 घन्टे आवाजाही वाले सड़क पर स्थित पार्क में 29 अगस्त की रात पेड़ से लटकी एक किशोरी की लाश पुलिस को बरामद हुई। लाश की शिनाख्त सामने घाट झुग्गी में रहने वाले बेहद विपन्न परिवार की बच्ची के तौर पर हुई। पुलिस ने इस मौत को आत्महत्या करार दे दिया है। पोस्टमॉर्टम कराया और परिजनों को दबाव में लेकर शवदाह करवा दिया।
आरोप है कि नाबालिग किशोरी के साथ यौन दुष्कर्म हुआ है। बच्ची घर से जिन कपड़े में निकली थी वो कपड़े उसके मृत देह पर नहीं थे, बदले हुए थे। भेलूपुर थाने पर परिजन और दख़ल सहित कई अन्य सामाजिक संगठन गुहार लगाने पहुँचते रहे। घटना के बाद से अबतक पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज निकालने और देखने की कोई जरूर नहीं समझी। लेकिन लाश को जलाने में पुलिस ने बहुत तत्परता दिखाई। परिजनों को दबाव देकर आनन-फानन में लाश जलवा दी।
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मंगलवार को पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने पहुँचे प्रतिनिधिमंडल में डॉ इंदु पांडेय ने कहा कि बनारस में ही अप्रैल माह से खुशी पाल नामक नाबालिग किशोरी गायब है। पुलिस कुछ नहीं कर रही, IIT BHU के गैंगरेपिस्ट जमानत पा गए। न्यायालय ने कहा कि बेल इसलिए देनी पड़ रही है कि वाराणसी पुलिस ने ठीक से काम नहीं किया है और अब बेहद सक्रिय सघन रहने वाले आईपी विजया चौराहे पर ये घटना हुई है। ये सब कानून व्यवस्था के ऊपर गम्भीर सवाल खड़े कर रहा है।
ज्ञापन में मांग है कि पीड़िता के परिजन की शिकायत पर समुचित धाराओं में केस (FIR) दर्ज हो, घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे की जांच और कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर जाए, बिना FIR के पोस्टमार्टम कैसे हुआ जवाब, मृतिका जिस हालत में मिली उसकी फोटो वीडियो उपलब्ध कराया जाए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। पंचनामे के बाद सादे कागज पर हमसे हस्ताक्षर करा के जबरदस्ती शाम को शव को जला दिया गया। जल्द से जल्द उपरोक्त मांग पर उचित कार्रवाई किया जाए। वहीं ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से पीड़िता की माता लीला, डॉ इंदु पांडेय, नीति, आरोही, रोली रघुवंशी, शालिनी, राधा, सूरज और गोलू, राजा आदि शामिल रहे।