Sunday, September 8, 2024
Sunday, September 8, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमसामाजिक न्यायउजड़ी हुई़ करसड़ा की मुसहर बस्ती में मनाई गई बिरसा मुंडा की...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

उजड़ी हुई़ करसड़ा की मुसहर बस्ती में मनाई गई बिरसा मुंडा की जयंती

जीवनपर्यंत अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ लड़ने वाले जन, जंगल व जमीन बचाव के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, जननायक, प्रकृति रक्षक बिरसा मुंडा की जयंती करसड़ा गांव की उजड़ी हुई़ मुसहर बस्ती के पीड़ितों द्वारा मनायी गयी। कार्यक्रम की शुरुआत धरती आबा बिरसा मुंडा जी के जीवनी को याद कर किया गया। साथ ही सत्ता द्वारा […]

जीवनपर्यंत अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ लड़ने वाले जन, जंगल व जमीन बचाव के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, जननायक, प्रकृति रक्षक बिरसा मुंडा की जयंती करसड़ा गांव की उजड़ी हुई़ मुसहर बस्ती के पीड़ितों द्वारा मनायी गयी।
कार्यक्रम की शुरुआत धरती आबा बिरसा मुंडा जी के जीवनी को याद कर किया गया। साथ ही सत्ता द्वारा उजाड़ी गयी मुसहर बस्ती को पुनः बसाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी। पीड़ितों के द्वारा सरकार से मांग की गयी है कि हमारी बस्ती को पूर्ववत बसायी जाए। अगर सरकार बस्ती को पूर्ववत नहीं बसाती है या पुनः तोड़े गए मकानों को जल्द नहीं बनाया गया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए हमें मुआवज़ा नही दिया गया; तो हम भविष्य में बड़े स्तर पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि बिरसा मुंडा ब्रिटिश शासन के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी थी। किसानों की जमीनों को अंग्रेजों से मुक्त कराकर भूमि का स्वामित्व दिलवाया। लगान माफ कराया। उन्होंने कम आयु में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिया। बिरसा और उनके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की बातें ठान रखी थी और यही कारण रहा कि उन्हें अपने जीवन काल में ही एक महापुरुष का दर्जा मिला। उन्हें  लोग “धरती बाबा” के नाम से पुकारा और पूजा करते थे।
दिवि वेलफ़ेयर सोसायटी से जुड़े बीरभद्र सिंह ने कहा कि इस महान पुरुष को देशवासी उनके किये गये कार्यों की बदौलत भगवान मानते हैं। हम युवाओं को उनकी जीवनी और व्यक्तित्व के बारे में जानना; उनके द्वारा किये गये कार्यों को समझने की जरूरी है। बिरसा मुंडा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे और भविष्य में भी रहेंगे। हमें उनकी जीवनी से सीख लेने की आवश्यकता है। जल, जंगल, जमीन के साथ स्वाभिमान और पहचान को बचाने के लिए लड़ते हुए बिरसा मुंडा ने अपने प्राण की आहूति दे दी थी। बिरसा ने अन्याय व शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने एवं संगठित होकर समाज के लिए लड़ने का संदेश दिया है। आज हमें भी जरूरत है कि हम सब आज की तानाशाही सरकार के खिलाफ लड़े और अपनी लड़ाई को जीतने की उम्मीद कायम रख सकें। बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित आज के कार्यक्रम में राजकुमार गुप्ता, महेंद्र राठौर, बीरभद्र सिंह, अर्पिता सिंह, सोनम, सौरभ सिंह, राजेश कुमार, सोमरा देवी, बुद्धुराम, राहुल, मुनीब, सदानंद, विजय, शंकर आदि लोग उपस्थित थे।
गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here