Sunday, September 8, 2024
Sunday, September 8, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमविविधस्टेन स्वामी की हिरासत में हत्या और राजनीतिक बंदियों के रिहाई के...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

स्टेन स्वामी की हिरासत में हत्या और राजनीतिक बंदियों के रिहाई के लिए प्रतिरोध सभा

आज फादर स्टेन स्वामी की राज्य द्वारा साजिशन की गई हत्या के खिलाफ व अन्य राजनैतिक बंदियों की रिहाई को लेकर शहर के ऐपवा, भगतसिंह छात्र मोर्चा, समाजवादी जन परिषद, पीयूसीएल, अल्पसंख्यक सभा, एसएफसी, स्वराज इंडिया, पीएस4, सेक्युलर फोरम संगठनों ने बीएचयू लंका गेट पर  प्रतिरोध प्रदर्शन किया। 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को भीमा […]

आज फादर स्टेन स्वामी की राज्य द्वारा साजिशन की गई हत्या के खिलाफ व अन्य राजनैतिक बंदियों की रिहाई को लेकर शहर के ऐपवा, भगतसिंह छात्र मोर्चा, समाजवादी जन परिषद, पीयूसीएल, अल्पसंख्यक सभा, एसएफसी, स्वराज इंडिया, पीएस4, सेक्युलर फोरम संगठनों ने बीएचयू लंका गेट पर  प्रतिरोध प्रदर्शन किया।

84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को भीमा कोरेगांव मामले में 8 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर माओवादियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश का आरोप लगाया गया। इससे पहले इसी मामले में सुधा भारद्वाज, सुरेंद्र गडलिंग, वरवरा राव, सुधीर धवले, आनंद तेलतुंबड़े जैसे 16 लोगों गिरफ्तार किया गया। ये सभी लोग देश के जाने माने पत्रकार, वकील, कवि, लेखक व सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। इन पर लगे सभी आरोप फ़र्ज़ी हैं और इनको फसाया जा रहा है। क्योंकि ये लोग सरकार की जन विरोधी नीतियों का विरोध करते रहे हैं। आर्सेनल की रिपोर्ट ने यह सिद्ध किया है कि इन लोगों के लैपटॉप में वायरस डाला गया है और छेड़छाड़ किया गया है। इसमे सभी बंदी किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। इससे पहले वरवरा राव की भी तबियत काफी खराब हो चुकी थी। देश विदेश से हुए विरोध व दबाव की वजह से उन्हें मेडिकल आधार पर 6 महीने की बेल मिली।

प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों ने इस तरह की फ़र्ज़ी तरीके से कार्यकर्ताओं को फंसाने, जेल में बंद करने व उन्हें इतना प्रताडित करने की उनकी मृत्यु तक हो जाय, पुरजोर विरोध किया। ये मांग की गई कि इस मृत्यु के ज़िम्मेदार को कड़ी सजा दी जाय। साथ ही साथ अन्य सभी भीमाकोरे गांव मामले में फ़र्ज़ी तरीके से गिरफ्तार लोगो को बिना शर्त रिहा किया जाय।

इस प्रदर्शन में पवन, अमन, योगेश, उमेश, अभिषेक, अफलातून, जुबेर, रामजनम, वंदना, प्रवाल, डॉ. निराला, डॉ. आरिफ इत्यादि लोग शामिल रहें।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here