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कौशल विकास निगम मामले में चंद्रबाबू नायडू को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत

हैदराबाद (भाषा)। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम में कथित घोटाला मामले में चार हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है। नायडू की ओर से पेश हुए वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि उनके लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन […]

हैदराबाद (भाषा)। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम में कथित घोटाला मामले में चार हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है। नायडू की ओर से पेश हुए वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि उनके लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना जरूरी है। स्वास्थ्य आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत देते हुए अदालत ने उन्हें 28 नवंबर या उससे पहले राजा महेंद्रवरम में केंद्रीय जेल के अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

अदालत ने आदेश में कहा, ‘मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए और याचिकाकर्ता की स्वास्थ्य की स्थिति पर विचार करते हुए, यह अदालत याचिकाकर्ता को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देती है, ताकि वह अपनी दाहिनी आंख की आवश्यक सर्जरी करा सकें।’अदालत ने कई शर्तें लगाते हुए नायडू को निर्देश दिया कि उन्हें 1,00,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो मुचलके निचली अदालत में जमा कराने होंगे। तेदेपा प्रमुख को आत्मसमर्पण के समय केंद्रीय कारागार अधीक्षक को सीलबंद लिफाफे में उनके इलाज और जिस अस्पताल में उनका इलाज होगा, उसका विवरण उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया गया।

अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को अदालत या किसी अन्य प्राधिकारी को ऐसे तथ्यों का खुलासा करने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेगा।’ कोर्ट ने उनको अस्पताल जाने के अलावा किसी अन्य कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा न लेने का भी आदेश दिया है।

इस योजना के तहत हैदराबाद और प्रदेश के बाकी इलाकों में भारी उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल प्रशिक्षण दिया जाना था। जिसका टेंडर प्राइवेट कंपनी को दिया गया। आरोप है कि योजना के तहत छह क्लस्टर्स बनाए गए और इन पर कुल 3300 करोड़ रुपये खर्च होने थे।जिसमें हर क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे. जिसमें कुल लागत का 10 प्रतिशत रुपया राज्य सरकार को खर्च करना था. यानी कुल 370 करोड़ रुपये। बताया गया कि यह रुपये शेल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिए गये। नायडू कौशल विकास निगम के इसी धन के दुरुपयोग के आरोप में वर्तमान में राजामहेंद्रवरम जेल में बंद हैं। आरोप है कि इस कथित घोटाले की वजह से राजकोष को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। नायडू को नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने कहा कि नायडू को 28 नवंबर या उससे पहले राजामहेंद्रवरम में केंद्रीय जेल के अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

मेडिकल ग्राउंड पर जमानत देते हुये उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत का मानना है चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले रोगी को तत्काल, प्रभावी और व्यापक उपचार दिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि उपचार किस अस्पताल में कराना है यह मरीज पर निर्भर है। अदालत ने नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की।

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