Saturday, July 27, 2024
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राहुल और अखिलेश समेत कई विपक्षी नेताओं ने सरकार पर लगाया फोन जासूसी का आरोप

लखनऊ (भाषा)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया कि उनका फोन हैक किया जा रहा है और उनकी जासूसी कराई जा रही है। सपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ‘बड़े दुख की बात है कि […]

लखनऊ (भाषा)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया कि उनका फोन हैक किया जा रहा है और उनकी जासूसी कराई जा रही है। सपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ‘बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह यह (फोन हैक कराने की) जानकारी मिली। इस तरह का संदेश कंपनी के माध्‍यम से मोबाइल पर पहुंचा है। संदेश में कहा गया है कि सरकारी एजेंसी या सरकार की तरफ से आपका (मोबाइल) फोन हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है।’ सूत्रों ने बताया कि एक कंपनी (एप्पल) से फोन हैक कराने की जानकारी दिए जाने के साथ ही सतर्क रहने का संदेश भी मिला है।

अखिलेश यादव ने सवाल किया, ‘बड़े दुख की बात है कि हमारे लोकतंत्र में आजादी और आपकी निजता को ये (सत्तारूढ़ दल) खत्म करना चाहते हैं। आखिर यह जासूसी किसलिए है?’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘पार्टी के बड़े नेताओं के मोबाइल सर्विलांस पर ले लिए गए। लोकतंत्र में इसकी कोई जगह नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार जांच करके बताए कि क्यों ऐसा किया जा रहा है ?’ सपा प्रमुख ने सत्तारूढ़ दल की ओर संकेत करते हुए कहा कि पार्टी ने जिस तरह से ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा या पदयात्रा की, संगठन ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को संचालित किया, पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी साइकिल से अथवा पैदल तय की गई…, उसे मिले जनसमर्थन और तैयारियों को देखते हुए ये लोग (सरकार) घबराए हुए हैं। यादव ने तंज कसते हुए कहा, ‘सरकार मेरे फोन की जासूसी करके क्या पाएगी, किसी की जासूसी करके क्या होगा, जब जनता ही आपके खिलाफ है।’

एक अन्य खबर के मुताबिक राहुल गांधी ने भी है कि उनके पास Apple के फोन हैक करने का अलर्ट आया है. इस पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर कहा कि मेरा फोन ले जाओ, मुझे टैपिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम लड़ते रहेंगे और झुकेंगे नहीं। कांग्रेस, टीएमसी, AAP समेत कई पार्टियों के नेताओं द्वारा दावा किया गया है कि उन्हें अपने फोन और ईमेल पर Apple की ओर से अलर्ट आया है. उन्हें चेतावनी दी गई है कि सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है।  प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान राहुल  गांधी ने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि सालों पहले हिंदुस्तान में एक राजा होता था. उसके खिलाफ सभी लोग खड़े हो गए थे. जनता, विपक्ष उन पर आक्रमण कर रहा था और वो टेफ्लॉन जैसे थे, उन पर जितना भी आक्रमण करो, कुछ नहीं होता था तो कई साल बाद विपक्ष के लोग एक ऋषि के पास गए और कहा कि बताइए हमें बात समझ नहीं आ रही है. हम इस राजा पर हमला करते हैं, जनता इसके खिलाफ है. कुछ होता ही नहीं है. जितना हम इस पर आक्रमण करते हैं, ऐसा लगता है कि गलत जगह तीर मार रहे हैं. ऋषि ज्ञानी थे, उन्होंने कहा कि ये जो राजा है, उसकी आत्मा इसके अंदर नहीं है। राजा की आत्मा एक तोते में है. उस तोते को जाकर आप पकड़ लीजिए राजा खत्म हो जाएगा। नरेंद्र मोदी जी की आत्मा अडानी में है। तोता कहीं बैठा और राजा कहीं बैठा है। काफी समय से पूरा विपक्ष राजा पर अटैक कर रहा था, लेकिन हकीकत ये है कि राजा, राजा ही नहीं है. पॉवर किसी और के हाथ में है। अडानी जी के हाथ में है. जैसे ही हम अडानी को टच करते हैं. वैसे ही ईडी, सीबीआई, इंटेलिजेंस एजेंसी सब जग जाते हैं। मैं पहले सोचता था कि नंबर वन-पीएम, नंबर 2- अडानी और नंबर 3- अमित शाह. लेकिन अब हमें हिंदुस्तान की पॉलिटिक्स समझ आ गई है. नंबर 1- अडानी, नंबर 2- पीएम और नंबर 3- अमित शाह हैं।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पवन खेड़ा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपने फोन में आए इस तरह के अलर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। AAP सांसद राघव चड्ढा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने फोन पर अलर्ट मिलने का दावा किया है।

ज्ञात हो कि फोन टैपिंग का तात्पर्य जानकारी प्राप्त करने के लिये गुप्त रूप से किसी संचार चैनल (विशेष रूप से फोन) की वार्ता को सुनना या रिकॉर्ड करना है।फोन टैपिंग केवल अधिकृत तरीके से संबंधित विभाग की अनुमति लेकर ही की जा सकती है। फोन टैपिंग यदि अनधिकृत तरीके से की जाती है तो यह अवैध है और इससे गोपनीयता भंग होने पर  ज़िम्मेदार व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, ‘किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा’।  एक नागरिक को व्यक्तिगत निजता के अलावा अपने परिवार, शिक्षा, विवाह, मातृत्व, बच्चे और वंश वृद्धि आदि के संबंध में गोपनीयता का अधिकार है। कानून में स्पष्ट किया गया है कि इंटरसेप्शन का आदेश तभी दिया जाना चाहिये जब सूचना प्राप्त करने का कोई अन्य तरीका न बचा हो।

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