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चंद्रबाबू नायडू ने अदालत को लिखा पत्र, जेल में सुरक्षा बढ़ाने के मांग

राजामहेंद्रवरम, आंध्र प्रदेश (भाषा)। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों का आरोप लगाया और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए अपील की। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि साढ़े चार वर्षों में, सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने […]

राजामहेंद्रवरम, आंध्र प्रदेश (भाषा)। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों का आरोप लगाया और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए अपील की। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि साढ़े चार वर्षों में, सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं के इशारे पर और पुलिस के खुले समर्थन से विरोधियों को बेनकाब करने के लिए विभिन्न स्थानों के दौरे के दौरान उन पर कई बार शारीरिक हमला करने की कोशिश की।

चंद्रबाबू नायडू पर वर्ष 2015 में कौशल विकास निगम से धन का दुरुपयोग करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में बंद हैं। आरोप है कि इस कथित घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।

नायडू ने विजयवाड़ा के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की अदालत के न्यायाधीश बीएसवी हिमा बिंदू को पत्र लिखा, ‘मेरा अनुरोध है कि मुझे दी गयी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के तहत राजामहेंद्रवरम के केंद्रीय कारागार में और उसके आसपास चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जाए।’

तेदेपा ने शुक्रवार को इस पत्र की प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साझा की।

जेल परिसर में घुसते वक्त अनधिकृत तरीके से वीडियो फुटेज और तस्वीरें लेने तथा जेल परिसर के ऊपर दो बार ड्रोन मंडराने जैसी कई कथित खामियों को गिनाते हुए नायडू ने कहा कि ये अप्रिय घटनाएं जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिले होने के बावजूद उनकी जान को खतरे में डाल रही हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वीडियो फुटेज और तस्वीरें लीक कीं, जिन्हें बाद में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया समेत विभिन्न मीडिया मंचों पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। नायडू ने दावा किया कि मादक पदार्थ मामले में जेल में बंद एक कैदी पेन कैमरा लेकर घूम रहा है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक और जेल प्राधिकारियों को वामपंथी उग्रवादियों की ओर से एक अज्ञात पत्र मिला है, जिसमें उनकी हत्या करने की धमकी दी गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए करोड़ रुपये का आदान-प्रदान हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अज्ञात बदमाशों ने सत्ता में बैठे लोगों के कहने पर जेल में उनकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए एक ड्रोन उड़ाया।

नायडू ने दावा किया कि ड्रोन खुली जेल के समीप आया, जहां कुछ कैदी बंद हैं और पुलिस ने इस घटना की सच्चाई या इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की।

नायडू ने आरोप लगाया कि छह अक्टूबर को उनसे मिलने आए उनके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें खींचने के लिए जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक और ड्रोन उड़ाया गया। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं उनकी तथा उनके परिवार की सुरक्षा पर खतरे को उजागर करती हैं। नायडू ने इन कथित खामियों पर विचार करते हुए न्यायाधीश से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में तथा उसके आसपास उनकी चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फाइबरनेट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं होगी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। बतादें कि चंद्रबाबू नायडू इन दिनों कौशल विकास घोटाला मामले में जेल में हैं।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान याचिका पर नोटिस जारी किया था। उस दौरान भी कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकती। इसी मामले में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नायडू को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने नोटिस स्वीकार भी कर लिया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्य इस बीच इस मामले में पूर्व सीएम को गिरफ्तार नहीं करेगा।

बतादें कि कुछ दिन पहले ही आंध्र प्रदेश पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामला शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण वह फाइबरनेट मामले में तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी। आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ को बताया था कि राज्य इस मामले में निचली अदालत से स्थगन का अनुरोध करेगा, जहां नायडू को 16 अक्टूबर को पेश किया जाना है।

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