अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस एवं प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने साझा संस्कृति मंच के बैनर तले शांति एवं सद्भावना पदयात्रा का आयोजन किया था किन्तु जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने के बाद यात्रियों ने लंका मालवीयजी की प्रतिमा के समक्ष सभा की।
लंका स्थित मालवीयजी की प्रतिमा के समक्ष सभा, भजन और सर्व धर्म प्रार्थना की गयी। सभा के दौरान परचा वितरण करके बनारस के लोगों से यह संकल्प लेने की अपील की गयी कि काशी के लोग शांति, सद्भावना और अहिंसा के आदर्शों को मिटने नहीं दें और अपनी गंगा-जमुनी संस्कृति की परम्परा को बनाये रखें।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा, हमारा कर्तव्य हैं कि हम भारत की एकता, अखंडता और साझा संस्कृति को बनाए रखने की ईमानदार कोशिश करें एवं देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में शांति, सद्भावना और आपसी भाईचारे को किसी कीमत पर बिगड़ने नही दें।
लोगों से अपील की गयी कि नागरिक होने के नाते हर व्यक्ति को देश के लोकतंत्र और संविधान की हिफाजत करने की हर मुहिम में शामिल होना चाहिए और जाति, धर्म, संप्रदाय आदि के आधार पर भेदभाव करने से खुद भी बचते हुए और अपने समाज को भी बचाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
इसी क्रम में वक्ताओं ने आगे कहा कि हमारा दायित्व है कि हम समाज में नफरत और हिंसा फैलाने वाली प्रवृत्तियों के खिलाफ आवाज उठाएं और ऐसे भारत के निर्माण की कोशिश करें अथवा ऐसी हर कोशिश का समर्थन करें जो सामाजिक समता और आर्थिक बराबरी को बढ़ाती हो तथा हमारे लोकतंत्र और भाईचारे को मजबूत बनाने और विकसित करने का काम करती हो।
काशीवासियों से अपील की गई कि वे अपने देश की आजादी की लड़ाई के नायकों तथा महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री आदि के दिखाए रास्ते पर चलने का भरसक प्रयास करें तथा दूसरो को भी इस रास्ते की तरफ प्रेरित करें, सभी धर्मों का आदर करें। साथ ही अफवाहों और घृणा के प्रचार वाले हर मीडिया का बहिष्कार करे।
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सभा के दौरान सांस्कृतिक टीम प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने गांधी के प्रिय भजन और जनवादी गीतों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेन्द्र तिवारी, संजीव सिंह, तनुजा, रामजन्म, सतीश सिंह, रवि शेखर, रंजू, मैत्री, फादर जयंत, प्रेरणा कला मंच, पूनम, प्रियंका, नंदलाल मास्टर इत्यादि मौजूद रहे।