क्या कांग्रेस संसद के बजट सत्र में महिला आरक्षण बिल के मुद्दे को उठाएगी, या पेगासस जासूसी प्रकरण में उलझ कर रह जाएगी? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि संसद का बजट सत्र प्रारंभ होने से पहले, एक बार फिर से पेगासस नाम का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की नई खबर के बाद, कांग्रेस केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला करती हुई दिखाई दी। कांग्रेस के हमलावर तेवर को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस पेगासस मुद्दे पर भाजपा सरकार को संसद के भीतर घेरेगी। ऐसे में क्या संसद सत्र एक बार फिर से हंगामे की भेंट चढ़कर रह जाएगा? यह भी एक सवाल है।
[bs-quote quote=”बेरोजगारी किसानों की समस्या भुखमरी महंगाई आज भी जस के तस बनी हुई है। कोरोना महामारी से जनता अभी भी परेशान है। ऐसे में विपक्ष और कांग्रेस की प्राथमिकता संसद के भीतर क्या होगी, यह देखने वाली बात है।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
जहां तक महिला आरक्षण बिल का मसला है, महिला आरक्षण बिल का मुद्दा कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक अवसर है, क्योंकि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के हक के लिए मजबूती से आवाज उठाई है। कांग्रेस ने वादे के मुताबिक उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं को 40% टिकट देकर एक बड़ी मिसाल कायम की है।
वहीं कांग्रेस ने पहली बार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किया है, यही नहीं कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की महिला प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए 1-1 स्कूटी भी दी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी महिलाओं के हक को लेकर, अपनी इस लड़ाई को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की भी बातें कर रही हैं ऐसे में सवाल उठता है कि, वर्ष 2022 के संसद के बजट सत्र में कांग्रेस पूरी ताकत के साथ महिला आरक्षण बिल का मुद्दा उठाएगी या फिर पेगासस प्रकरण में उलझ कर रह जाएगी? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि विगत सत्रों में भी कांग्रेस मुख्य मुद्दों को दरकिनार कर पेगासस प्रकरण में संसद के भीतर उलझी हुई देखी गई है। जब देश में किसान आंदोलन, कोरोना महामारी और उससे दवाइयों और ऑक्सीजन के अभाव में हुई लोगों की मौत महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों को भूल कर कांग्रेस संसद के भीतर पेगासस प्रकरण को लेकर हंगामा करते हुए नजर आई।
इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ और ना ही सत्ताधारी भाजपा को नुकसान हुआ, बल्कि यह कहें कि पूरी रोटी छोड़कर कांग्रेस आधी रोटी पर लपकी और कांग्रेस के हाथ पूरी छोड़ आधी भी हाथ नहीं लगी।
बेरोजगारी किसानों की समस्या भुखमरी महंगाई आज भी जस के तस बनी हुई है। कोरोना महामारी से जनता अभी भी परेशान है। ऐसे में विपक्ष और कांग्रेस की प्राथमिकता संसद के भीतर क्या होगी, यह देखने वाली बात है।
देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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