मैं यह देख रहा था कि आय के आधार पर लोगों का बसने का मतलब क्या है? किसकी योजना रही होगी ऐसी? मतलब यह कि जिसके पास जितना पैसा है, वह उतना ही अधिक बड़े भूखंड पर अपने लिए मकान बनवा सकता है। तो उस समय मुझे बड़ी हैरानी हुई थी। वजह भी थी हैरान होने की। तब राजनीति और समाजशास्त्र की बारीकियों की जानकारी नहीं थी।
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जिनका जवाब केवल और केवल न्यायाधीशगण ही दे सकते हैं। लेकिन मैं यह सोच रहा हूं कि इनकम यानी पूंजी ही सबकुछ का निर्धारण करता है। यदि आपके पास पैसा है तो सुप्रीम कोर्ट में आपके मामले की सुनवाई जल्दी होगी और यदि आपके पास पैसा नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट में आपके मामले की सुनवाई लटका दी जाएगी।
नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।