विजयनगरम के सरकारी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. एस अप्पाला नायडू ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘दुर्घटनास्थल पर एम्बुलेंस भेज दी गई हैं और अब तक हमें 20 घायल व्यक्ति मिले हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। कई एम्बुलेंस रास्ते में हैं इसलिए घायल व्यक्तियों की संख्या बढ़ सकती है। अभी तक हमें अस्पताल में कोई शव नहीं मिला है। हालांकि, कुछ यात्रियों की मौत की भी खबर है।’
पूर्वी तटीय रेलवे क्षेत्र के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना लगभग शाम सात बजे पूर्वी तटीय रेलवे क्षेत्र के वाल्टेयर उपखंड के विजयनगरम-कोत्तावलासा रेलवे सेक्शन में अलामंदा और कंटाकापल्ली के बीच हुई। अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर (ट्रेन संख्या 08532), विशाखापत्तनम-रायगढ़ा पैसेंजर (ट्रेन संख्या 08504) से टकरा गई।
एक अधिकारी के मुताबिक विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन (ट्रेन संख्या 08532) के पीछे के दो डिब्बे और विशाखापत्तनम-रायगढ़ा पैसेंजर (ट्रेन संख्या 08504) का लोको डिब्बा पटरी से उतर गए।
मौके पर डीआरएम/वाल्टेयर और उनकी टीम के साथ बचाव अभियान जारी है। अधिकारी ने कहा, दुर्घटना में राहत ट्रेनें और अन्य बचाव उपकरण लगे हुए हैं।मंडल रेल प्रबंधक सौरभ प्रसाद घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और बचाव कार्य जोरों पर है।
रेल दुर्घटना की जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और स्थिति का जायजा लिया और कहा कि अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में मोदी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और अलामांडा और कांतकपल्ले खंड के बीच दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।’आंध्र प्रदेश के मंत्री बोत्चा सत्यनारायण भी मौके पर पहुंच गए हैं और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
विजयनगरम जिले के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच गए हैं। अंधेरे के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। इस बीच, पूर्वी तटीय रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को दी गयी और उनसे सहायता मांगी गई, जिसके बाद एम्बुलेंस और दुर्घटना राहत ट्रेनें घटनास्थल पर पहुंच गईं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने रेल दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को बचाव कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने घायलों को ले जाने के लिए पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था करने को कहा है।
इससे पूर्व ओडिशा के बालासोर जिले में बीते 2 जून की शाम एक बड़ा रेल हादसा हुआ था जिसमें 288 लोग मारे गए, जबकि 12 सौ से अधिक लोगों को चोटें आयी थीं। यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी और ट्रेन की कई बोगियां ट्रैक से उतरकर दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। यात्री ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। कोरोमंडल के कई डिब्बे पटरियों पर ही पलट गए। बगल वाले ट्रैक पर उसी समय बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जा रही थी, जिसकी टक्कर ट्रैक पर पलटे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से हो गई। जिसकी वजह से एक साथ तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई। यह घटना बालासोर जिले के बहंगा बाजार स्टेशन पर लूप पर खड़ी मालगाड़ी और स्टेशन पार कर रही तेज स्पीड यात्री गाड़ी को निकालने के लिए दिए गए सिग्नल में भ्रम की स्थिति बनने के चलते हुई। टक्कर इतनी तेज थी की बोगियां हवा में उछल कर दूर जाकर गिरी। यह भारत में अब तक के सबसे बड़े ट्रेन हादसों में तीसरा सबसे बड़ा हादसा मान जा रहा है। दोनों ट्रेनों के सत्रह डिब्बे गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
इसी प्रकार से बिहार के बक्सर जिले में 11 अक्टबूर की रात हुए ट्रेन हादसे में चार लोगो की मौत हो गयी थी । बिहार में दिल्ली-कामख्या ‘नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस’ के सभी डिब्बों के बेपटरी होने की संभावित वजह पटरियों में खामी थी। सूत्रों ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी थी। बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक रात में हुए इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए हैं। रेलवे के छह अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में कहा गया, ऐसा प्रतीत होता है कि पटरी में खामी की वजह से ट्रेन बेपटरी हुई।
बिहार में ही एक और बड़ा रेल हादसा (Train Accident) दानापुर-बक्सर रेलखंड पर रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के समीप देर रात लगभग 9.45 बजे 12506 डाउन नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस बेपटरी होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। एक डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ गया था। भोजपुर के एसपी प्रमोद कुमार ने छह लोगों के मरने की पुष्टि की थी। वहीं रेलवे सूत्रों के हवाले से बताया गया था की 12 से अधिक डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में करीब 100 की संख्या में यात्री घायल हुए थे।
इस प्रकार से देखा जाय तो वर्तमान सरकार के शासन काल में एक के बाद एक रेल हादसे हो रहे हैं और सरकार हर बार जांच बैठाकर कमियों को दूर करने और दोषियों को दंडित करने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ ले रही है। बड़ा सवाल ये है कि कब तक लोग सरकार की लापरवाही कि वजह से जान गंवाते रहेंगे ? कब तक मासूम अनाथ होते रहेंगे ?