राउरकेला (ओडिशा)। सात नवंबर (भाषा) ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में राउरकेला की पूर्व सहायक जिलाधिकारी सुष्मिता मिंज की विसरा रिपोर्ट से संकेत मिला है कि पूर्व अधिकारी की मौत डूबने से हुई जबकि मिंज के परिवार का आरोप है कि उनकी हत्या की गई है।
रिपोर्ट के बारे में राउरकेला के पुलिस अधीक्षक मित्रभानू महापात्रा ने बताया, ‘हमें उनकी (सुष्मिता) विसरा रिपोर्ट प्राप्त हुई है और हम उसकी जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि मौत डूबने की वजह से हुई है।’
मिंज का शव 19 सितंबर को राउरकेला स्टील प्लांट के कॉर्पोरेट कार्यालय के सामने सेंसरी पार्क के तालाब में तैरता हुआ पाया गया था। इस पार्क को शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले स्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है और हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी सुष्मिता को यहां प्रवेश करते हुए नहीं देखा। स्थानीय लोगों ने उनका शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
घटना के बाद सुष्मिता के भाई संदीप ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि मिंज की हत्या की गई है। संदीप ने मौत के लिए उदितनगर थाने की सहायक उप निपीक्षक ऐलिस नरमा लुगुन सहित पांच सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। बाद में, लुगुन की भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास करते हुए मौत हो गई थी। मानवाधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ की पुलिस उपाधीक्षक बनिता माझी मामले की जांच कर रही हैं। कई आदिवासी संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं ने मिंज मामले में न्याय की मांग करते हुए आंदोलन किया था।
बिर्मित्रपुर के पूर्व विधायक जॉर्ज टिर्की ने कहा, ‘मैं इस रिपोर्ट को नहीं मानता। यह हत्या का मामला है। मिंज के परिवार के सदस्य मामले की सीबीआई जांच की मांग करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को तैयार हैं।’
ओडिशा में नकली गुटखा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
कोरापुट। ओडिशा के कोरापुट जिले में नकली गुटखा बनाने वाली अवैध फैक्टरी का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस के तीन दलों ने सोमवार शाम को लामतापुट क्षेत्र के बाहरी इलाके में स्थित एक इमारत पर छापा मारा और गुटखा पैक करने वाली सात मशीनों को जब्त किया।
उन्होंने कहा कि मौके से गुटखा के पाउच से भरी बोरियां और इसे बनाने में काम आने वाला कच्चा माल भी मिला है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (नंदपुर) संजय महापात्रा ने कहा, ‘हमें गुटखा बनाने वाली अवैध इकाई के बारे में पता चला जिसके बाद हमने छापेमारी की। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति इकाई संचालित करने के लिए कोई भी वैध दस्तावेज़ दिखाने में नाकाम रहे।’
उन्होंने कहा कि इकाई पिछले कुछ महीनों से किराये के एक घर में संचालित की जा ही थी और इसके संचालन में कई लोग शामिल हैं। महापात्रा ने कहा, ‘गुटखा बनाने के बाद वे तंबाकू उत्पाद को प्रसिद्ध कंपनियों के पाउच में पैक किया करते थे। वे नकली उत्पाद आसपास और जिले के बाहर भेजते थे। वे ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में इसकी आपूर्ति करते थे।’