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पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में चार लोग दोषी करार

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली की एक अदालत ने टेलीविजन पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के जुर्म में बुधवार को चार लोगों को दोषी ठहराया है। विश्वनाथन की 15 साल पहले कार्यालय से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत और […]

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली की एक अदालत ने टेलीविजन पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के जुर्म में बुधवार को चार लोगों को दोषी ठहराया है। विश्वनाथन की 15 साल पहले कार्यालय से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत और अजय कुमार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत भी दोषी ठहराया।

पांचवें आरोपी अजय सेठी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को अंजाम देने, सहायता करने या जान-बूझकर इसे बढ़ावा देने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया।

न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ आरोपों को बिना किसी संदेह के साबित कर दिया।

विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को गोली मारकर तब हत्या कर दी गई जब वह तड़के करीब साढ़े तीन बजे काम के बाद कार से घर लौट रही थीं। पुलिस ने दावा किया था कि हत्या का मकसद लूटपाट था। हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं।

पुलिस ने कहा कि आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ।

मलिक द्वारा त्वरित सुनवाई के लिए 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के बाद इसने निचली अदालत से एक रिपोर्ट मांगी, जिसमें पूछा गया कि साढ़े नौ साल पहले आरोप पत्र दाखिल होने के बावजूद मुकदमे का निपटारा क्यों नहीं हुआ।

निचली अदालत ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि देरी मुख्य रूप से अभियोजन पक्ष के गवाहों की गैर-मौजूदगी और विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति में लगने वाले समय के कारण हुई।

निचली अदालत ने अगस्त 2016 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा तथा मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, जनवरी 2018 में, उच्च न्यायालय ने कपूर और शुक्ला के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया एवं मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।

 पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां माधवी विश्वनाथन ने बुधवार को उनकी बेटी की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराए गए सभी चार लोगों के लिए आजीवन कारावास की मांग करते हुए कहा कि उन्हें वही भुगतना चाहिए जो उनके परिवार को भुगतना पड़ा।

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