Thursday, September 12, 2024
Thursday, September 12, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलबालिका वधू बनने से बची लड़की, प्रशासन ने लिया एक्शन

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

बालिका वधू बनने से बची लड़की, प्रशासन ने लिया एक्शन

इंदौर (भाषा)।  इंदौर में प्रशासन के वक्त रहते हरकत में आने से 16 साल की लड़की का शुक्रवार को होने जा रहा बाल विवाह रुक गया। महिला और बाल विकास विभाग की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विभाग की परियोजना अधिकारी चित्रा यादव ने बताया कि शहर के कमाठीपुरा इलाके में रहने वाली 16 […]

इंदौर (भाषा)।  इंदौर में प्रशासन के वक्त रहते हरकत में आने से 16 साल की लड़की का शुक्रवार को होने जा रहा बाल विवाह रुक गया। महिला और बाल विकास विभाग की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विभाग की परियोजना अधिकारी चित्रा यादव ने बताया कि शहर के कमाठीपुरा इलाके में रहने वाली 16 वर्षीय लड़की की शादी उज्जैन के 26 वर्षीय युवक से शुक्रवार शाम होने वाली थी और इसकी रस्में भी शुरू हो चुकी थीं।

यादव ने बताया कि बाल विवाह की तैयारियों की सूचना पर प्रशासन का दल पुलिस कर्मियों के साथ लड़की के घर पहुंचा और उसके परिजनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर शादी समारोह निरस्त कराया। उन्होंने बताया कि लड़की के परिजनों से प्रशासन ने हलफनामा भी लिया कि वे तब तक उसकी शादी नहीं करेंगे, जब तक वह पूरे 18 साल की नहीं हो जाती। यादव ने बताया कि नाबालिग लड़की का रिश्ता उसके पिता ने तय किया था जिसकी कुछ समय पहले मौत हो चुकी है। देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है। हमारे देश में दशकों से मनाही के बावजूद, बाल विवाह पर लंबे समय से प्रतिबंध होने के बावजूद भी कम उम्र में शादी एक चिंता का विषय बना हुआ है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के अनुसार, 20-24 साल की उम्र की 23.3% महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी, जो शादी की कानूनी उम्र है। नवीनतम सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह समस्या ग्रामीण भारत में 27% अधिक प्रचलित है, जबकि शहरी क्षेत्रों में, कम उम्र में शादी सभी शादी का 14.7% है।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here