Saturday, July 27, 2024
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राष्ट्र की बुनियादी जरूरत है शांति और सद्भाव

गांधीवादी चिंतक पद्म भूषण इला भट्ट को दी गयी श्रद्धांजलि  वाराणसी। सद्भावना के रास्ते शांति के वास्ते आयोजित नौ दिवसीय शांति सद्भावना यात्रा का बृहस्पतिवार को वाराणसी के चोलापुर विकासखंड के गांवों में पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. राजापुर, चोलापुर, मोहांव, ताड़ी,जमुनीपुर, गोला, भवानीपुर,  रोना खुर्द, मुनारी आदि गांवो में जनसंपर्क के आम जनता ने […]

गांधीवादी चिंतक पद्म भूषण इला भट्ट को दी गयी श्रद्धांजलि 

वाराणसी। सद्भावना के रास्ते शांति के वास्ते आयोजित नौ दिवसीय शांति सद्भावना यात्रा का बृहस्पतिवार को वाराणसी के चोलापुर विकासखंड के गांवों में पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. राजापुर, चोलापुर, मोहांव, ताड़ी,जमुनीपुर, गोला, भवानीपुर,  रोना खुर्द, मुनारी आदि गांवो में जनसंपर्क के आम जनता ने बहुत ही उत्साह दिखाया और इसे वर्तमान समय की जरूरत बताया। यात्रा दल ने चोलापुर थाना के निकट स्थित शहीद स्तंभ पर माल्यार्पण कर अमर शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया एवं दो मिनट का मौन रखकर पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित गांधीवादी विचारक इला भट्ट के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।

ताड़ी गाँव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ समाजवादी चिंतक एवं लेखक प्रो. महेश विक्रम ने कहा कि शांति और सद्भाव किसी भी राष्ट्र की बुनियादी जरूरत है। यदि कोई राष्ट्र शांति और सद्भाव का आनंद लेता है तो ही वह समृद्ध हो सकेगा। हमारे देश के संविधान में नागरिकों के बीच राजनीतिक और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिए कानून शामिल हैं ताकि आपसी झड़पों से बचा जा सके और अपने नागरिकों के बीच सामंजस्य बनाए रखा जा सके। हमारे देश में एक-दूसरे के साथ शांति से रहने की परम्परा रही है। कभी-कभार कुछ राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक कारकों के शांति की परम्परा प्रभावित होती है, जिसे रोकना एक नागरिक के नाते हमारा दायित्व है।

शहीद स्तंभ पर माल्यार्पण कर अमर शहीदों को किया नमन

देश में शांति और सद्भाव को अक्सर धर्म के नाम पर बांधा जाता है। कई धर्म के लोग अन्य धर्म के लोगों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं और इसकी वजह से समाज में शांति और सद्भाव का ह्रास होता है, कतिपय राजनीतिक दल इसका लाभ उठाते हैं। हमें उन्हें पहचानना होगा और उनसे सचेत रहना होगा।

यात्रा संयोजक नंदलाल मास्टर ने बताया कि अब तक लगभग 100 किलोमीटर की पदयात्रा हो चुकी है, इस दौरान 60 से अधिक गाँवो में जनसंपर्क एवं संवाद स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार 4 नवम्बर को यात्रा सुबह मुनारी से प्रारम्भ होगी और चिरईगांव विकासखंड के गांवों में भ्रमण करते हुए बराई गाँव तक जायेगी।

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पदयात्रा में प्रमुख रूप से रंजू सिंह, राजेश सिंह, सूबेदार, निशा, फातिमा, सीमा, पूनम, मनोज, माया, चोलापुर की प्रधान मीरा, आशुतोष, आरक्षी बिंदु सिंह, प्रियंका, शर्मीला, रुकसाना आदि शामिल रहे।

गाँव के लोग
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