जिस दौर में सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में दे देने का सरकारी अभियान ही चल रहा हो उस दौर में यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि क्या आनेवाले दिनों में खरीदी जानेवाली शिक्षा के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी या हालात कुछ और बयान कर रहे हैं। देहातों और ग्रामीण इलाकों में मुसहर, नट धरकार समुदाय के बच्चे गरीबी के कारण आज भी स्कूल जाने से वंचित हैं। ऐसे में उनकी देहरी तक शिक्षा का उजाला पहुंचाने की मुहिम में मशाल बनकर चल रहे हैं उगापुर पाण्डेयपुर के मनोज यादव। मनोज को अतीत में बदहाल आर्थिक स्थितियों की वजह से अपनी शिक्षा यात्रा अधूरे में छोड़नी पड़ी थी पर अब वह वंचित समाज के लिए शिक्षा के सूत्रधार बन गए हैं। मनोज के शैक्षिक अभियान पर अपर्णा की रिपोर्ट…
कैसे चलती है वाराणसी के उगापुर पंडापुर और उसके आसपास के गांव में गरीब बच्चों के लिए मुफ्त पाठशाला?
जिस दौर में सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में दे देने का सरकारी अभियान ही चल रहा हो उस दौर में यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि क्या आनेवाले दिनों में खरीदी जानेवाली शिक्षा के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी या हालात कुछ और बयान कर रहे हैं। देहातों और ग्रामीण इलाकों में मुसहर, नट धरकार […]
