वाराणसी: राजातालाब, तहसील क्षेत्र के माडल ब्लाक सेवापुरी के भोरकला गांव निवासी अजय कुमार पटेल ने 2 मार्च को अपने बेटे अमन के लिए आय जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। निर्धारित समयावधि एक सप्ताह बीतने पर भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिला है। आराजीलाईन ब्लाक के कचनार गाँव के महेंद्र सोनकर ने भी अपने बच्चे को आरटीई के तहत नीजी स्कूल में दाख़िला दिलाने के लिए आवेदन की औपचारिकता पूरी करने के लिए आय जाति प्रमाण पत्र हेतु फ़रवरी में आवेदन किया था पहले चरण के अंतिम तिथि 28 फ़रवरी बीत जाने के बाद प्रमाण पत्र नहीं बनने से आरटीई आवेदन नहीं कर पाए बच्चे के दाख़िला हेतु परेशान हैं। एक सप्ताह से तहसील से लेकर शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय तक की दौड़ लगा रहे हैं। यह दो मामले तो बानगी भर हैं। सैकड़ों से अधिक अभिभावक आय जाति निवास प्रमाण पत्र के लिए वाराणसी ज़िले के राजातालाब,,पिंडरा और सदर तहसीलों के चक्कर लगाते थक चुके हैं। शायद बहुत कम लोग जानते होगे कि जनहित गारंटी अधिनियम के तहत सरकारी विभाग में हर काम का समय तय है। तय समय पर काम न होने पर आवेदक मुआवजा ले सकते हैं।
इस समय ज़िले के तीनों तहसीलों में सैकड़ों से अधिक आवेदन फार्म लंबित पड़े हुए हैं। एक सप्ताह पुराने कई आवेदकों को निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद अभी तक आय जाति निवास प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है, कई आवेदकों के अकारण आवेदन ख़ारिज कर दिया जा रहा है॥ प्रमाण पत्र के लिए सैकड़ों सौ से अधिक अभिभावक तहसील की दौड़ लगा रहे हैं। राजस्व विभाग सर्वर ख़राब होने की बात कहकर उन्हें वापस कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जब अभिभावकों ने एक सप्ताह पहले बक़ायदा आनलाइन आवेदन कर निर्धारित शुल्क तक जमा कर चुके हैं।
अभिभावक प्रमाण पत्र के लिए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, अधिवक्ताओं से भी सिफारिशें करा रहे हैं। इसके बाद भी उनका काम नहीं हो पा रहा है। अधिकारी उन्हें भी तकनीक खामी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अभिभावकों का आरोप है कि विभाग के ही कुछ कर्मचारी आउट साइडरो से सेटिंग-गेटिंग में भी लगे हुए हैं। जिससे जुगाड़ वालों को पहले यानी एक दो दिन में प्रमाण पत्र जारी कर दिए जा रहे हैं।
इस समय लंबित आवेदन होली के अवकाश के पहले पुरानी पेंडिंग थी। सर्वर ठीक हो गए हैं। व्यवस्था के तहत अभिभावक को निर्धारित समयावधि में प्रमाण पत्र जारी करवा सकता है। इस कारण पेंडेंसी तेजी से कम हो रही है। होली के अवकाश के बाद अगले दो- तीन दिनों में सभी लंबित आवेदको को प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
अपने हक की जानकारी न होने के कारण ही लोग तहसील में शिकायतों की अर्जियां लेकर भटकते नजर आते हैं। जनहित गारंटी अधिनियम के तहत हर काम का समय तय है। आप सात दिन में शैक्षणिक कार्य हेतु जाति आय निवास प्रमाण जारी करवा सकते हैं। इसमें देरी होती है तो आप अपील कर मुआवजा लेने के लिए क्लेम कर सकते हैं।
स्वतंत्र पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता ने बताया कि जनहित गारंटी अधिनियम में प्रमाण पत्रों को जारी करने का समय तय है। तय समय में काम न होने पर एसडीएम, डीएम के यहां प्रथम अपील की जा सकती है। अपील का माकूल निस्तारण नहीं होने पर कमिश्नर के यहाँ द्वितीय अपील किया जा सकता है। बिना पर्याप्त कारण के सेवा देने में विफल होने पर आवेदकों को मुआवजा देने का प्रावधान है। बिना पर्याप्त कारण के सेवा देने में विलंब किया है तो आवेदकों को 250 से पांच हजार रुपये तक विभाग की तरफ से मिलता है। बिना पर्याप्त कारण के अपीलीय अधिकारी समय से अपील का निस्तारण नहीं कर सके तो द्वितीय अपीलीय पर पांच सौ से पांच हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा।
यह तब है जब जनहित गारंटी अधिनियम के तहत ऑनलाइन आवेदनों को निर्धारित समय के भीतर संसाधित करना अनिवार्य है। आय निवास एवं जाति प्रमाण पत्र 20 दिन में आवेदनों पर निर्णय लेना अनिवार्य है। यदि स्कूलों में प्रवेश के लिए आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जाता है, तो उसे 7 दिनों के भीतर जारी करना आवश्यक है। अन्य आवश्यकताओं को 15 दिनों के भीतर जारी किया जाना चाहिए। निवास प्रमाण पत्र एसडीएम द्वारा जारी किया जाता है और जाति और आय प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी किया जाता है। तीनों में लेखपाल की रिपोर्ट जरूरी है। तीनों तहसीलों में सैकड़ों से अधिक आवेदन लंबित हैं. सबसे ज्यादा देरी लेखपाल स्तर पर हो रही है। ऐसा खुद प्रशासन के अधिकारी कह रहे हैं. इस प्रकरण का संज्ञान मिलते ही रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने बताया कि जनहित गारंटी अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जल्द ही तीनों तहसीलों में एक-एक दिनों का तीन दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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