सापेक्षिक विकास की दर एक भ्रामक संख्या होती है। औद्योगिक विकास की दर हमेशा गुणात्मक छलांग लेकर आती है। यह गणित की सरल एक रेखीय गति में नहीं होती है। मजदूरों के 12 घंटे वाले कानून का संशोधन सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं है बल्कि तमिलनाडु, कर्नाटक से लेकर राजस्थान तक में विकास की छलांग लगाने के लिए 12 घंटे काम का प्रावधान चल रहा है। ये सारी कोशिशें पूंजी निवेश की इस उम्मीद पर की जा रही है कि चीन से निकली पूंजी भारत में आ गिरे और भारत एशिया का नया ताइवान बन जाए।
विद्यालय का नया सत्र खुलते ही शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के लिए कुछ ऐसे नियम लागू कर दिये हैं, जिसके चलते उन्हें व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यदि शासन किसी नियम की नकल करती है तो उसे वहाँ की स्थिति से परिचित होना चाहिए ताकि समस्याओं से भी परिचित हो सके।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी की बनारसी साड़ियाँ विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन इन दिनों साड़ी बनाने वाले बुनकरों की हालत बेहद खराब हो गई है। बुनकरों ने अपनी स्थिति को लेकर क्या कहा? देखिये यह ग्राउंड रिपोर्ट
सलेमपुर लोकसभा के किसानों से बात करते हुये यह बात स्पष्ट है कि किसानों के मुद्दे बहुत दिनों से उपेक्षित किए जा रहे हैं। साथ ही बेरोजगारी का असर भी उनके ऊपर स्पष्ट दिखने लगा है क्योंकि उनके घरों के युवा न केवल निराशा और हताशा के दौर में हैं बल्कि परिवार पर बोझ भी बनते जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला सोनभद्र, देश के चार राज्यों मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, बिहार और झारखंड की सीमाओं से घिरा हुआ है। खनिज और प्राकृतिक संपदाओं से सम्पन्न इस जिले के बहुत से गाँव के निवासी पानी, सड़क, बिजली जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हर घर नल और नल में जल का दावा करने वाली डबल इंजन की सरकार की वास्तविकता यहाँ पहुँचने पर मालूम हुई। सोनभद्र जिले के सुकृत और उसके आसपास के गांवों में पानी को लेकर ग्रामीणों की स्थिति क्या है? पढिए हरिश्चंद्र की ग्राउन्ड रिपोर्ट
विजयन ने मोदी और भाजपा पर राज्य के प्रति ‘पाखंडी दृष्टिकोण’ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केरल में सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दो भाषणों में यही दिखा है।
भाजपा ने शशांक मणि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार घोषित कर पूर्वांचल के बहुजनों को एक नायाब तोहफा दिया है क्योंकि अब तक की राजनीति में पूर्वांचल में किसी दल का कोई नेता जाति को लेकर इतना बेबाक बोलने वाला और इनके तरीके से खुलेआम जातिवाद करने वाला नहीं हुआ था।
जेल में बंद सजायाफ्ता लोगों की मौत या हत्या का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी पिछले वर्ष अतीक अहमद और अरशद अहमद की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी और कल जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इसके पहले 26 मार्च को मुख्तार अंसारी ने तबीयत बिगड़ने के बाद आशंका जाहिर की थी कि जेल में उन्हें धीमा जहर दिया गया। इनकी मौत के बाद पीयूसीएल ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए जांच की मांग की है
इस बार के 12 राज्यों के 56 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का गणित क्रॉस वोटिंग के जरिए पूरी तरह बदल गया। विशेषकर उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में यह खेल हुआ। क्रॉस वोटिंग के पीछे स्व-हित के बजाय वर्गीय हित दिखाई देता है।
अभी पुलिस परीक्षा के पेपर लीक का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था और योगी सरकार ने मात्र 1782 पदों पर चयनित लोगों को नियुक्ति पत्र देने का आयोजन कर क्या साबित करना चाहती है?
बिहार सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ी जाति और सामान्य वर्ग को अलग-अलग दर से अनुदान दिया जाता है। सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत एवं अन्य जातियों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान है। 20 बकरियों के साथ एक बकरा पालने के लिए लगभग 2 लाख की राशि दी जा रही है। इसके लिए ब्लाॅक व जिला स्तर पर पशुपालन विभाग में फाॅर्म आवेदन करना होता है। आवेदन की जांचोपरांत लाभुक को सब्सिडी राशि बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में देती है। इसके लिए बैंक से ऋण भी मुहैया कराया जाता है। सभी प्रक्रिया पशुपालन विभाग और बैंक के जरिए किसानों, मजदूरों व भूमिहीनों की आजीविका के लिए उपलब्ध कराने का प्रावधान है।