चंदौली। बलुआ थाना अंतर्गत मारुफपुर-तिरगाँवा क्षेत्र से प्रतिदिन अवैध बालू लदे सैकड़ों ट्रक और ट्रैक्टर दिखते हैं। ये सारा बालू अवैध तरीके से ढोया जा रहा है। इस काम में लिप्त लोग गंगा नदी के किनारे चोरी-छिपे एक मंडी भी चलाते हैं। तमाम कवायदों के बाद भी पुलिस और खनन विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
बलुआ थाना क्षेत्र के तीरगाँवा-हसनपुर-मारुफपुर गाँव के सामने से नाव से भी अवैध बालू लादकर गंगा पार कराया जा रहा है, जिससे राजस्व विभाग को हर महीने लाखों का चूना लग रहा है।
अवैध बालू लादकर संचालित हो रहे ट्रैक्टरों के कारण स्थानीय लोगों को दिक्कत और आक्रोश है। दीपावली के पूर्व ऐसे ही ट्रैक्टर ने एक परिवार के मासूम को रौंदकर उसके परिवार की खुशियाँ छीन लीं थी। इस दुर्घटना में बच्चे की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर काफी देर तक हंगामा किया था। स्थिति को संभालने के लिए मौके पर कई थानों की फोर्स बुलाई गई थी।
इस दर्दनाक घटना के बाद से ही स्थानीय लोग अवैध ट्रैक्टरों के संचालन को रोकने की माँग कर रहे हैं। लोगों का दावा है कि खनन और पुलिस की मौन स्वीकृति के चलते ही अवैध बालू का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। चंदौली के सैयदराजा, नौबतपुर, सकलडीहा, नई बाज़ार, धानापुर, चहनियाँ के रास्ते 300-400 फीट मोरंग बालू लादकर ट्रैक्टर वाले मारुफपुर-तिरगाँवा पुलिस बैरियर पार करके सैदपुर पक्के पुल पर अवैध मंडी लगाते हैं। यहाँ दलालों और बिचौलियों के माध्यम से बालू बेचने का काम चलता है।
इस अवैध मंडी से विभाग को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। अवैध ट्रैक्टरों के आवागमन से दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। अभी पिछले सप्ताह बालू लदे ट्रैक्टर की चपेट में आकर दो बच्चे घायल हो गए थे। सबकुछ जानते हुए भी पुलिस और खनन विभाग चुप्पी साधे हुए है। फिलहाल, सकलडीहा एसडीएम अनुपम मिश्रा ने अवैध बालू खनन के खिलाफ जल्द अभियान चलाने की बात कही है।
वहीं, नाव से बालू ढोने वाले लोग भी राजस्व विभाग को घाटा पहुँचा रहे हैं। अवैध खनन का यह खेल विगत कई दिनों से चल रहा है। प्रतिदिन बोरे में भरकर कई चक्कर नाव लगाते हैं। यहाँ सफेद बालू का अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। हर रोज हजारो बोरियों में बालू भर नाव से लाद कर गाजीपुर जिले में सप्लाई की जा रही है।
लॉकडाउन के बाद बढ़ गया है धंधा
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद जिले में बालू खनन आदि की इजाजत दे दी गई थी। इसके बाद से फिर से ओवरलोड वाहनों के आवागमन का सिलसिला जारी हो गया, लेकिन पहले से इस काम में काफी इज़ाफा हुआ है। इस कारण कभी-कभार चंदौली-बिहार बॉर्डर पर भीषण जाम भी लग जाता है। वाराणसी और बिहार के कमिश्नर के बीच इस समस्या को लेकर मई 2020 में वार्ता भी हुई थी। इसके बाद पुलिस सख्त हुई और जाम हटवाया गया। अधिकारियों की हिदायत के बाद उस समय यहाँ वाहनों की चेकिंग बंद हो गई और फिर से ओवरलोड वाहनों का संचालन शुरू हो गया।