कबीर का निर्गुण गायन जीवन के दर्शन का पर्याय है. लोकरंग में मालवा के शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया से आये प्रीतम मालवीय और उनके साथियों ने कबीर गायन से पूरे कार्यक्रम में समां बाँध दिया. आप भी सुनिए,शेयर कीजिए और सब्सक्राइब कीजिये.
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ग्राउंड रिपोर्ट
मालवा के प्रीतम मालवीय और साथियों का कबीर गायन
कबीर का निर्गुण गायन जीवन के दर्शन का पर्याय है. लोकरंग में मालवा के शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया से आये प्रीतम मालवीय और उनके साथियों ने कबीर गायन से पूरे कार्यक्रम में समां बाँध दिया. आप भी सुनिए,शेयर कीजिए और सब्सक्राइब कीजिये.

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