Sunday, January 19, 2025
Sunday, January 19, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमविचारसरकार को अपना काम करने दो

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

सरकार को अपना काम करने दो

हमारी समझ में नहीं आता है कि ये विपक्ष वाले जब देखो तब ‘जासूसी करा ली, हमारी जासूसी हो गयी’ का शोर क्यों मचाते रहते हैं? पहले पेगासस-पेगासस का शोर मचा रहे थे। वो मामला किसी तरह से ठंडा हुआ, तो अब एप्पल के एलर्ट का शोर मचाने लग गए कि भारत में मोदी जी […]

हमारी समझ में नहीं आता है कि ये विपक्ष वाले जब देखो तब ‘जासूसी करा ली, हमारी जासूसी हो गयी’ का शोर क्यों मचाते रहते हैं? पहले पेगासस-पेगासस का शोर मचा रहे थे। वो मामला किसी तरह से ठंडा हुआ, तो अब एप्पल के एलर्ट का शोर मचाने लग गए कि भारत में मोदी जी के विरोधियों पर सरकारी जासूसी का हमला हो रहा है। अरे भाई, तुम्हें तो शुक्रगुजार होना चाहिए कि सरकार कम-से-कम खुद जासूसी करा रही है। अगर, मोदी जी ने जासूसी भी निजी खिलाडिय़ों से करायी होती, तो इन विरोधियों की क्या इज्जत रह जाती!

फिर, सरकार ने तुम्हारे फोन वगैरह में जरा सी ताक-झांक कर भी ली तो इसमें ऐसी प्राब्लम भी क्या है? तुम मानो न मानो, सरकार तो तुम्हें अपना मानती ही है। वह पाकिस्तान वालों के फोन में ताक-झांक करने थोड़े ही जाती है। वैसे भी जब तुम्हारे पास छुपाने के लिए कुछ है ही नहीं, तो ताक-झांक होती ही रहे, तुम्हारा क्या जाता है? करने दो ताक-झांक। करने दो अपना काम। तुम्हें अपना काम करने में किसी का दखल नहीं चाहिए, फिर सरकार के ही अपना काम करने पर हाय-हाय क्यों? ताक-झांक करना भी तो सरकार का ही काम है! पहले वालों ने इसमें ढील दिखाई होगी, पर अब और नहीं। देश की सुरक्षा करने के लिए सरकार सीरियस है, तो ताक-झांक तो होगी। मोदी जी का विरोध करने वालों की खास ताक-झांक होगी; वे देश से ऊपर थोड़े ही हैं। और हां! अगर तुम्हारे पास छुपाने के लिए कुछ है, तो भाई ऐसा कुछ भी करना ही क्यों, जो किसी से भी छुपाना पड़े। सौ बातों की एक बात यह कि तुम्हारे पास कुछ छुपाने के लिए  है या नहीं है, सरकार को इसका पता भी तो तभी चलेगा, जब वह तुम्हारे फोन में ताक-झांक करेगी। ताका-झांकी से क्लीन चिट चाहिए, तब भी ताका-झांकी तो होगी।

खैर! एप्पल एलर्ट से एक बात जरूर साबित हो गयी कि मोदी जी की सरकार सूट-बूट वालों की नहीं, हवाई चप्पल वालों की है। वर्ना पचास हजार रुपए से ऊपर के आईफोन में ही ताक-झांक क्यों कराते? तब पांच-दस हजार के चीनी स्मॉर्ट फोनों के लिए एप्पल एलर्ट क्यों नहीं? एलर्ट अगर झूठा नहीं है, तो सरकार हवाई चप्पल वालों की है। लखपतियों के फोन में झांकने भी दो यारो!
गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here