उत्तर प्रदेश से कांग्रेस नेता दानिश अली ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर लोकसभा चुनाव में ‘भाजपा की बी टीम’ की भूमिका निभाने का आरोप लगाया है और दावा किया कि मायावती की अगुवाई वाले दल बसपा के उम्मीदवारों का निर्णय सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने किया है।
उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अली ने दावा किया कि पिछले सप्ताह अमरोहा में एक चुनावी रैली के दौरान नरेन्द्र मोदी द्वारा उनकी आलोचना किए जाना प्रधानमंत्री की ‘हताशा’ को दिखाता है। अली बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं।
दानिश अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘यह हमला प्रधानमंत्री की हताशा को दर्शाता है। पिछले पांच साल में सदन में सरकार की पोल खोलने के मेरे काम से उनकी हताशा झलकती है। वे (भाजपा) नहीं चाहते कि मेरे जैसे सांसद सदन में वापस आएं और इसीलिए उन्होंने चुनाव में मेरे खिलाफ पूरी ताकत झोंक दी है।’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) पिछले दो हफ्ते में चौथी बार अमरोहा आ रहे हैं। भाजपा के कई नेता अमरोहा में डेरा डाले हुए हैं। मैं इसे चुनौती के तौर पर ले रहा हूं।’
कांग्रेस उम्मीदवार पर निशाना साधते हुए मोदी ने पिछले सप्ताह अमरोहा में एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि अली को ‘भारत माता की जय’ कहने में आपत्ति है।
उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से पूछा था, ‘क्या ऐसा व्यक्ति जो ‘भारत माता की जय’ को स्वीकार नहीं कर सकता, भारतीय संसद में अच्छा लगेगा? क्या ऐसे व्यक्ति को भारतीय संसद में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए?’
प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए अली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या मोदी के पास ‘भारत माता’ पर पेटेंट नहीं है और जिन लोगों ने आजादी के बाद 50 साल तक अपने वैचारिक मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया, उन्हें इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
उनकी पूर्व पार्टी बसपा और उसकी प्रमुख मायावती द्वारा उन पर किए गए हमले के बारे में पूछे जाने पर अली ने कहा कि लोग जानते हैं कि बसपा और भाजपा दोनों ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस( ‘इंडिया’) और खासकर दानिश अली को हराने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाया हुआ है। ‘इंडिया’ विपक्षा दलों का गठबंधन है।
उन्होंने दावा किया कि बसपा नेतृत्व पार्टी की विचारधारा से दूर चला गया है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘पार्टी (बसपा) जिस आधार पर बनी थी, उससे दूर चली गई है। आज संविधान बचाने का सवाल है। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि वे संविधान बदल देंगे। ऐसा कोई और नहीं बल्कि छह बार के (भाजपा) सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा। बसपा ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग रही और उसके उम्मीदवार का फैसला भाजपा ने किया।’
उन्होंने दावा किया कि ‘100 प्रतिशत बसपा भाजपा की ‘बी-टीम’ की भूमिका निभा रही है।’
दानिश अली ने कहा कि अब बसपा और अनुसूचित जाति संगठनों के कार्यकर्ता ‘इंडिया’ गठबंधन के समर्थन में आगे आ रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि खतरा बहुत ज्यादा है।
उन्होंने कहा, “अगर वे गलती करते हैं, तो यह देश और उनके आरक्षण के लिए एक आपदा होगी।”
उनकी यह टिप्पणी बसपा प्रमुख मायावती द्वारा अली पर निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी के साथ ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद आई है।
दानिश अली ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होकर वह अपनी ‘राजनीतिक और वैचारिक यात्रा के अंतिम पड़ाव’ पर पहुंच गए हैं, जो जिंदगी भर रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस देश की एकमात्र पार्टी है जो सामाजिक न्याय की हिमायती है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में आज की कांग्रेस का वैचारिक रुख स्पष्ट है।’
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में उनके लिए अपमानजनक टिप्पणी करने से उपजे विवाद पर पूछे जाने और क्या जनता का वोट इस पर फैसला होगा, अली ने कहा, ‘मुझे सभी समुदायों और उन सभी लोगों का समर्थन मिल रहा है जो नफरत की इस विचारधारा के खिलाफ हैं।’
अली अमरोहा से फिर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि रमेश बिधूड़ी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। भाजपा ने दक्षिण दिल्ली सीट से रमेश बिधूड़ी के बजाय रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया है।
उन्होंने रमेश बिधूड़ी का टिकट काटे जाने पर कहा, ‘वे कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। एक तरफ वे टिकट न देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री खुद नफरत फैलाने वाला भाषण दे रहे हैं।’
दानिश अली ने कहा, ‘ राजस्थान में उनके भाषण को देखिए। भाजपा के साथ यही समस्या है। वह (मोदी) अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर लें, लेकिन इस बार देश में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण नहीं होने वाला है।’
दानिश अली ने विश्वास जताया कि वह अमरोहा में पिछली बार से भी अधिक अंतर से जीतेंगे जहां 26 अप्रैल को मतदान होना है।