Friday, July 5, 2024
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छतीसगढ़ में भूविस्थापितों की महापंचायत में 54 गांव और सात संगठन लामबंद होंगे

किसान सभा की अगुआई में अधिग्रहित जमीन की वापसी, रोजगार व पुनर्वास की मांग कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों के लंबित रोजगार प्रकरणों, अनुपयोगी अधिग्रहित जमीन की वापसी, पुनर्वास और रोजगार की मांग को लेकर आयोजित महापंचायत में 54 गांवों और भूविस्थापितों के सात संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। महापंचायत […]

किसान सभा की अगुआई में अधिग्रहित जमीन की वापसी, रोजगार व पुनर्वास की मांग

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों के लंबित रोजगार प्रकरणों, अनुपयोगी अधिग्रहित जमीन की वापसी, पुनर्वास और रोजगार की मांग को लेकर आयोजित महापंचायत में 54 गांवों और भूविस्थापितों के सात संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। महापंचायत में 11 सितंबर को रेल और सड़क मार्ग जाम कर कोयले की आर्थिक नाकेबंदी का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। आर्थिक नाकेबंदी के आंदोलन को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में अनाज संग्रहण, 9 सितंबर को मशाल जुलूस और अधिकार यात्रा जत्था निकालने के साथ नुक्कड़ सभा व पर्चे वितरण की रूपरेखा भी बनाई गई है।

महापंचायत में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, दीपका व कोरबा, इन सभी क्षेत्रों के भूविस्थापितों के रोजगार और पुनर्वास से जुड़ी मूलभूत समस्याओं के निराकार के लिए एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। अधिकारियों का ध्यान केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने का है। कोयला के क्षेत्र में निजीकरण और विनिवेशीकरण की नीतियों ने भू-विस्थापितों के भविष्य पर ताला लगा दिया है। इन नीतियों के खिलाफ सभी ग्रामीणों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। इस राजनैतिक संघर्ष में भूविस्थापितों के सभी संगठनों के लामबंद होने का स्वागत करते हुए उन्होंने 11 सितम्बर को प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने का आह्वान किया।

महापंचायत को भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव व मोहन यादव, ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष संतोष राठौर, दिलहरण दास व बृजेश श्रीवास, कोयलाधानी भू-विस्थापित संघ के गजेंद्र सिंह ठाकुर, भू-विस्थापित धरती पुत्र समिति (गेवरा) के कोमल खर्रे, भू-विस्थापित कोयलांचल समिति के ईश्वर पाटले, भू-विस्थापित कामगार संगठन (जटराज) के विनोद पटेल, मानिकपुर भू-विस्थापित संगठन से देव कुमार पटेल तथा किसान सभा से जवाहर सिंह कंवर, नंदलाल कंवर, सुभद्रा कंवर, सुमेंद्र सिंह ठकराल, जय कौशिक, चैत कुंवर, बाबूलाल कंवर तथा ग्राम पटेल विजयनगर के साथ बड़ी संख्या में भूविस्थापितों ने महापंचायत को संबोधित किया। सभी ने एकजुट होकर एसईसीएल के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान किया। सभी ने कहा कि जबतक एसईसीएल भूविस्थापितों के पक्ष में फैसला नहीं करता, उनका संघर्ष जारी रहेगा और 11 सितम्बर की प्रस्तावित नाकाबंदी को सफल बनाया जाएगा। इस आंदोलन में पांच हजार से अधिक भूविस्थापितों के जुटने की संभावना है।

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किसान सभा और भूविस्थापितों के संगठनों ने मांग की है कि वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के लंबित मामलों का जल्द निराकरण किया जाए और अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरणों का निराकरण कर बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए। पुरानी अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाए। भूविस्थापितों को नई पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएं। आउटसोर्सिंग के कार्यों में भूविस्थापितों एवं प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पुनर्वास कर गांव में काबिज भूविस्थापितों को पूर्ण पट्टा दिया जाए। महापंचायत का संचालन किसान सभा के नेता दीपक साहू ने किया।

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