इंदौर (भाषा)। नये कानून ‘हिट एंड रन’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करते हुए मध्य प्रदेश में चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य आम रास्तों पर आज चक्काजाम कर दिया। इससे कई वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा और आम जरूरत की चीजों के परिवहन पर असर पड़ा।
‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया, ‘हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश कर दिए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए।’
उन्होंने कहा कि सरकार को ‘हिट एंड रन’ के मामलों में विदेशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मुंबई को आगरा से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर धार और शाजापुर जिले में चालकों ने चक्काजाम किया जिससे सैकड़ों वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर के विजय नगर चौराहे पर चक्काजाम की कोशिश के दौरान सवारियों को चार पहिया वाहनों से जबरन उतार रहे प्रदर्शनकारी चालकों को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके खदेड़ा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इंदौर के ही एक अन्य वाकये में चालकों ने गंगवाल बस स्टैंड के पास चौराहे पर बस खड़ी करके चक्काजाम कर दिया और धरने पर बैठ गए जिससे राहगीरों को खासी परेशानी हुई।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हेमंत चौहान ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी देकर चक्काजाम खत्म कराया गया।उन्होंने बताया कि सड़क पर चक्काजाम करके यातायात बाधित करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन में टैंकर चालकों के शामिल होने के कारण ईंधन के स्टॉक पर असर की आशंका से नव वर्ष के पहले दिन सूबे के पेट्रोल पम्पों पर भी लोगों की लंबी कतारें नजर आईं।
इस बीच, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सड़क पर विरोध प्रदर्शन के दौरान चालक यह आरोप लगाकर हंगामा करते नजर आ रहे हैं कि एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें डराने के लिए पिस्तौल निकाल ली।
इंदौर के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी के मुताबिक, यह घटना क्षिप्रा थाना क्षेत्र में रविवार को सामने आई, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारी चालकों का आरोप खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘पुलिस अधिकारी अपनी पिस्तौल को चमड़े के खोल में महज रख ही रहा था। उसका इरादा प्रदर्शनकारियों को डराने का नहीं था।